CAA वापस नहीं होता, तब तक जारी रहेंगे प्रदर्शन : ममता बनर्जी
नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बृहस्पतिवार को भाजपा को आग से नहीं खेलने को लेकर आगाह करते हुए कहा कि जब तक संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को वापस नहीं लिया जाता, तब तक शांतिपूर्ण प्रदर्शन जारी रहेंगे। तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने शहर में आयोजित रैली में भाजपा पर अपने वादे पूरे नहीं करने का आरोप लगाया । उन्होंने मंगलुरु में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन में पुलिस गोलीबारी में मारे गए दो लोगों के परिवारों के लिए घोषित मुआवजे को रोकने संबंधी कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा के बयान का भी जिक्र किया।
येदियुरप्पा ने बुधवार को संवाददाताओं से कहा था कि यदि जांच में 19 दिसंबर को प्रदर्शनों में हुई हिंसा में दोनों लोगों की संलिप्तता साबित होती है तो उनके परिवारों को एक भी रुपया नहीं दिया जाएगा। बनर्जी ने छात्रों से प्रदर्शन जारी रखने को कहा। मुख्यमंत्री ने उनसे यह भी कहा कि वह हमेशा उनका समर्थन करेंगी।
उन्होंने कहा, 'किसी से डरे नहीं। मैं भाजपा को आगाह कर रही हूं कि वह आग से नहीं खेले। मध्य कोलकाता में राजाबाजार से मलिक बाजार तक विरोध मार्च का नेतृत्व कर रहीं बनर्जी ने आरोप लगाया कि सीएए के खिलाफ बोल रहे छात्रों को भाजपा धमकी दे रही है।'
उन्होंने कहा, 'हम सीएए और एनआरसी का विरोध कर रहे जामिया मिल्लिया इस्लामिया, आईआईटी कानपुर और अन्य विश्वविद्यालयों के छात्रों के प्रति एकजुटता व्यक्त करते हैं।' बनर्जी ने कहा कि छात्रों को अपने छात्रावासों के कमरों को भी खाली करने को कहा गया। बृहस्पतिवार को हुई रैली 11 दिनों में बनर्जी की पांचवीं रैली है।
यह रैली संपन्न होने के बाद एक अन्य सभा में बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, 'अगर आप सबका पीछा करेंगे तो आप कैसे टिकेंगे।?' उन्होंने भाजपा को ''वाशिंग मशीन बताते हुए कटाक्ष किया कि इस पार्टी में शामिल होकर सभी दाग धुल जाते हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा अन्य दलों पर कालिख पोतती है जबकि खुद को पाक-साफ दर्शाती है।
बनर्जी ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस सभी समुदायों के लिए लड़ती रहेंगी, क्योंकि यह हिंदुस्तान है। हम किसी भी पार्टी को अपने अधिकार नहीं छीनने देंगे... यदि जरूरत पड़ी तो हम सीएए के खिलाफ आंदोलन को बचाने के लिए अपनी जान तक दे देंगे। उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल को कर्नाटक में पुलिस की कथित गोलीबारी में मारे गये पीड़ितों के परिवारों से मिलने के लिए वहां भेजा जायेगा।