डीआरडीओ ने पिनाका रॉकेट सिस्टम के नए वर्जन का किया परीक्षण
नई दिल्ली। एलएसी पर चीन के साथ तनातनी के बीच भारत लगातार अपनी मिसाइलों और रॉकेटों का परीक्षण कर रहा है। पिछले दो महीने के अंदर ऐसे कई सफल परीक्षण किए जा चुके हैं। अब भारत ने पिनाका रॉकेट सिस्टम के उन्नत संस्करण का बुधवार को सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। इस सिस्टम को डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) ने स्वदेशी रूप से तैयार किया है। इसका परीक्षण ओडिशा तट पर चांदीपुर में इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज से किया गया।
डीआरडीओ ने बताया कि नए रॉकेट सिस्टम में पुलाने वेरिएंट (एमके-1) की तुलना में लंबी रेंज है जबकि यह आकार में पहले के मुकाबले छोटा है। रॉकेट सिस्टम के नए वर्जन का डिजाइन और इसका विकास पुणे के डीआरडीओ लेबोरेट्रीज, अर्मानेंट, रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेबलिशमेंट (एआरडीई) और हाई एनर्जी मटेरियल्स रिसर्च लेबोरेट्री (एचईएमआरएल) ने किया है।
रॉकेट का परीक्षण करने के बाद डीआरडीओ ने कहा- "कुल छह रॉकेट का परीक्षण किया गया और ये सभी अपने मिशन को पूरा करने में कामयाब रहे।" इसमें आगे कहा गया कि छोड़े गए सभी रॉकेट्स की निगरानी टेलीमेट्री, रेडा और इलेक्ट्रो ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम्स (ईओटीएस) से कई गई, जिसने उसकी परफॉर्मेंस की पुष्टि की है।
पिनाका एमके-1 रॉकेट्स की जगह अब पिनाका रॉकेट का उन्नत वर्जन लेगा। पुराने पिनाका एमके-1 का रेंज 40 किलोमीटर था जबकि इसका उन्नत वर्जन 45 से 60 किलोमीटर तक के लक्ष्य पर निशाना साध सकता है।
डीआरडीओ ने पिछले साल एमके-2 पिनाका रॉकेट सिस्टम का परीक्षण किया था, जिसका रेंज 70-90 किलोमीटर के बीच है। एमके-1 का उन्नत वर्जन इस खाई को भरने और नजदीकी लक्ष्य पर निशाना साधने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। इसके भारतीय सेना की उन जरूरतों को देखते हुए बनाया गया है जो चीन सीमा पर रॉकेट सिस्टम का इस्तेमाल कर रहे हैं।
चीन ने कब्जे वाले अक्साई चिन में रॉकेट रेजिमेंट्स की तैनाती कर रखी है और पिनाका का उन्नत वर्जन भारतीय सेना को उसका जवाब देने में बेहद मददगार साबित हो सकता है।