कोरोना का डर बना हुआ है, टेस्ट कराने से बच रहे लोग : एम्स निदेशक
नई दिल्ली। ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (एम्स) के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने शनिवार को मृत्यु दर में सुधार के लिए कोविड -19 के समय पर पता लगाने के महत्व पर जोर दिया। गुलेरिया ने कहा कि कई लोगों को अस्पताल आने और कोविड -19 की जांच करवाने से डर लगता है। उन्होंने कहा, "अभी भी कोविद -19 से एक भय जुड़ा हुआ है।" उन्होंने कहा कि अस्पताल में भर्ती होने में देरी से मृत्यु दर में बढ़त हुई है।
उन्होंने बुजुर्ग लोगों को कोरोना वायरस संकट को लेकर सावधानी बरतने को भी कहा। बुजुर्ग लोगों को कोविद -19 का एक गंभीर संक्रमण होने का अधिक खतरा है। उन्होंने कहा कि "अगर आपके घर में बुजुर्ग लोग हैं, तो आपको अतिरिक्त सतर्क रहने की आवश्यकता है। हल्के लक्षणों को देखने के तुरंत बाद स्वास्थ्य जांच करवाएं। गुलेरिया की टिप्पणियां अहमदाबाद, गुजरात से आईं। समाचार एजेंसी पीटीआई ने बताया कि एम्स के विशेषज्ञों ने शनिवार को शहर के सिविल अस्पताल का दौरा किया और जिले में कोविद -19 मामलों की बढ़ती घटनाओं और घातक घटनाओं के बीच फ्रंटलाइन कर्मचारियों के साथ बातचीत की।
बता दें कि भारत में लॉकडाउन जारी है क्योंकि यहां कोरोना वायरस संक्रमण की रफ्तार अब भी जारी है, लॉकडाउन के तीसरे चरण का पहला सप्ताह समाप्त होने को है, मगर कोरोना के मामलों में अभी संतोषजनक कमी नहीं देखी जा रही है। देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के 3320 नए मामले सामने आए हैं और 95 लोगों की मौत हुई है। शनिवार को जारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, देशभर में कोरोना वायरस के मामले बढ़कर करीब साठ हजार यानी 59662 हो गए हैं और कोविड-19 से अब तक 1981 लोगों की मौत हो चुकी है। कोरोना के कुल 59662 केसों में 39834 एक्टिव केस हैं, वहीं 17847 लोगों को अस्पताल से छुट्टी मिल चुकी है या फिर वह ठीक हो चुके हैं। कोरोना वायरस से अब तक सर्वाधिक 731 लोगों की मौत महाराष्ट्र में हुई। यहां अब इस महामारी से पीड़ितों की संख्या 19063 हो गई है।