दूसरे देशों को वैक्सीन देने की आलोचना करना संकीर्ण सोच का परिचायक : विदेश मंत्री
नईदिल्ली। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भारत निर्मित कोरोना वैक्सीन अन्य देशों को भेजे जाने को लेकर कुछ हलकों में हो रही आलोचना को खारिज करते हुए सोमवार को कहा कि यह अल्पदृष्टि और संकीर्णता का परिचायक है।
एक कार्यक्रम में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए विदेश मंत्री ने कहा कि सहायता अथवा व्यापारिक रूप से वैक्सीन के निर्यात का अर्थ यह नहीं है कि सरकार देशवासियों के स्वास्थ्य की चिंता नहीं कर रही है।
संकीर्ण नजरिया -
उन्होंने कहा कि वैक्सीन की उपलब्धता के बारे में यदि संकीर्ण नजरिया अपनाया गया तो अन्य देश भी ऐसा ही कर सकते हैं तथा भारत को वैक्सीन के निर्माण में काम आने वाले कच्चे माल की समस्या पैदा हो सकती है। इस संदर्भ में जयशंकर ने आगे कहा कि ऐसा नहीं हो सकता की हम अन्य देशों से कहें कि आप हमें कच्चा माल दीजिए, लेकिन हम आपको वैक्सीन नहीं देंगे। उन्होंने भारत की वैक्सीन मैत्री नीति की आलोचना करने वालों को गैर-जिम्मेदार और संकीर्ण नजरियों वाला बताया।