सत्य और तथ्य के मिलन से बनी है 'द कश्मीर फाइल्स'

सत्य और तथ्य के मिलन से बनी है द कश्मीर फाइल्स
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2024 में उनकी फिल्म 'द दिल्ली फाइल्स' रिलीज होगी

नईदिल्ली। आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर भारतीय जन संचार संस्थान एवं फिल्म समारोह निदेशालय, भारत सरकार के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय फिल्म फेस्टिवल के अंतिम दिन प्रसिद्ध फिल्म निर्माता एवं निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने विद्यार्थियों के साथ संवाद किया। इस मौके पर अग्निहोत्री ने कहा कि फिल्मों में 'सत्य' के साथ 'तथ्य' की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। इन दोनों के मिलने से ही 'द कश्मीर फाइल्स' जैसी फिल्म का निर्माण होता है।

अग्निहोत्री ने संस्थान के विद्यार्थियों के साथ अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि उन्होंने फिल्में बनाना 2005 से प्रारंभ कर दिया था और वे बॉलीवुड में बनने वाली फिल्मों के ढर्रे का अनुसरण कर सकते थे। उन्होंने कहा कि ऐसा करना उनके लिए बेहद आसान होता, लेकिन उन फिल्मों से उन्हें संतुष्टि नहीं मिलती। अग्निहोत्री ने बताया कि बरसों के कड़े परिश्रम और रिसर्च के बाद उन्होंने 'बुद्धा इन ट्रैफिक जाम', 'द ताशकंद फाइल्स' और 'द कश्मीर फाइल्स' जैसी फिल्में बनाईं।

अपनी आने वाली फिल्मों के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी एक फिल्म 2023 में आ रही है, जो मानवता की सबसे बड़ी उपलब्धियों पर आधारित है और जिसे देखकर सभी को अपने देश के प्रति गर्व की अनुभूति होगी। इसके अलावा 2024 में उनकी फिल्म 'द दिल्ली फाइल्स' रिलीज होगी।

इससे पूर्व समापन समारोह को संबोधित करते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की अपर सचिव नीरजा शेखर ने कहा कि हमारी प्राचीन सभ्यता, महाकाव्यों और समृद्ध लोक परंपरा के आधार पर हम बहुत गर्व के साथ यह बात कह सकते हैं कि भारत विश्व का 'कंटेंट हब' है। उन्होंने कहा कि भारत में जिस प्रकार की कहानियां मिलती हैं उनमें बहुत विविधता है और हमारे पास ढेरों ऐसी कहानियां हैं, जिसे दुनिया ने कभी नहीं सुना।

विजेताओं को किया गया सम्मानित -

इस अवसर पर 'राष्ट्रीय लघु फिल्म निर्माण प्रतियोगिता' के विजेताओं को भी सम्मानित किया गया। प्रथम पुरस्कार करम सिटी कॉलेज की 'सेरेंगसिया 1837 लॉस्ट इन द वैली', दूसरा पुरस्कार 'कासाद्रु : हाइलाइट्स द प्लाइट ऑफ मैनुअल स्कावेंजर्स', लोएला कॉलेज और तीसरा पुरस्कार 'डिकेड ऑफ डस्क : रेजिज सीरियस इश्यूज ऑफ मेलन्यूट्रिशन इन केरल', आईआईएमसी दिल्ली ने जीता। क्रिटिक्स च्वाइस पुरस्कार 'द स्कूल ऑफ नेचर', आईआईएमसी अमरावती और 'बुंदेली बिन्नु', आईआईएमसी दिल्ली को प्रदान किया गया। फेस्टिवल के दौरान आयोजित क्विज के विजेताओं को भी इस दौरान पुरस्कृत किया गया।

इन फिल्मों की गई स्क्रीनिंग -

फेस्टिवल के पहले दिन सत्यजीत रे की फिल्म 'द इनर आई', मधुरा पालित की फिल्म 'आतोर', राजीव प्रकाश की फिल्म 'वेद' के अलावा 'ड्रामा क्वींस', 'इन्वेस्टिंग लाइफ' और 'चारण अत्वा' जैसी फिल्में प्रदर्शित की गई। समारोह के दूसरे दिन एस. नल्लामुथु की फिल्म 'मछली', अमित गोस्वामी की 'द लास्ट ट्राइब', आशीष शर्मा और अर्चना टी. शर्मा की 'खेजड़ी', नकुल देव की 'बिफोर आई डाई' तथा 'एलिफेंट्स डू रिमेम्बर' जैसी फिल्मों की स्क्रीनिंग की गई।

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