कोरोना से लड़ाई में नौसेना ने तैनात किए युद्धपोत, विदेशों से लाएंगे ऑक्सीजन टैंकर
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नईदिल्ली। कोरोना संकट के दौरान विदेशों से लॉन्च किये गए ऑपरेशन समुद्र सेतु-II में भारतीय नौसेना ने 07 जहाजों को तैनात किया है। यह सभी युद्धपोत लिक्विड ऑक्सीजन से भरे क्रायोजेनिक कंटेनर और उससे जुड़े मेडिकल उपकरण भारत लाने का कार्य करेंगे। इसी अभियान के तहत शुक्रवार को भेजा गया जहाज आईएनएस तलवार लिक्विड ऑक्सीजन से भरे दो कंटेनर लेकर बहरीन के मनामा बंदरगाह से शनिवार सुबह भारत की ओर रवाना हो चुका है जो मुंबई लौटेगा। आईएनएस ऐरावत को इसी मिशन पर सिंगापुर भेजा गया है।
नौसेना प्रवक्ता विवेक मधवाल ने बताया कि कोविड-19 के खिलाफ देश की लड़ाई के समर्थन में सात भारतीय जहाजों ने आईएनएस कोलकाता, कोच्चि, तलवार, तबर, त्रिकंद, जलाश्व और ऐरावत को विभिन्न देशों से तरल चिकित्सा ऑक्सीजन से भरे क्रायोजेनिक कंटेनरों और संबंधित चिकित्सा उपकरणों की शिपमेंट के लिए तैनात किया गया है। फारस की खाड़ी में एक मिशन पर तैनात आईएनएस कोलकाता और आईएनएस तलवार को ऑपरेशन 'समुद्र सेतु II' के तहत वहीं से तरल ऑक्सीजन लेने के लिए बहरीन रवाना कर दिया गया। दोनों जहाज शुक्रवार को मनामा बंदरगाह पहुंच गए। आईएनएस तलवार रातभर में 40-40 मीट्रिक टन के दो लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन क्रायोजेनिक कंटेनर लेकर आज सुबह भारत के लिए रवाना हुआ है।
उन्होंने बताया कि आईएनएस कोलकाता को दोहा, कतर से चिकित्सा आपूर्ति लाने के लिए भेजा गया है और बाद में कुवैत से लिक्विड ऑक्सीजन टैंक लेते हुए भारत लौटेगा। इसी तरह पूर्वी सीबोर्ड पर तैनात आईएनएस ऐरावत को लिक्विड ऑक्सीजन टैंक लाने के लिए सिंगापुर रवाना किया गया है। आईएनएस जलाश्य को इस क्षेत्र में शॉर्ट नोटिस पर मेडिकल स्टोर शुरू करने के लिए तैनात किया गया है। आईएनएस जलाश्य ने पिछले साल कोरोना महामारी में शुरू किये गए ऑपरेशन समुद्र सेतु के दौरान विदेशों में फंसे भारतीयों को सुरक्षित स्वदेश लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसके अलावा अरब सागर में तैनात आईएनएस कोच्चि, आईएनएस त्रिकंद और आईएनएस तबार जैसे मिशन वाले जहाजों को दूसरे बैच के रूप में रिजर्व रखा गया है। दक्षिणी नौसेना कमान से लैंडिंग शिप टैंक आईएनएस शार्दुल को 48 घंटों के भीतर ऑपरेशन में शामिल होने के लिए भेजने को कहा गया है।
प्रवक्ता ने बताया कि भारतीय नौसेना के पास आवश्यकता पड़ने पर अभी और अधिक जहाजों को तैनात करने की क्षमता है ताकि कोविड-19 के खिलाफ राष्ट्र की लड़ाई को ज्यादा मजबूत किया जा सके। कोविड की पहली लहर के दौरान भी नौसेना ने पिछले साल 'वंदे भारत मिशन' के हिस्से के रूप में ऑपरेशन समुद्र सेतु का शुभारंभ किया था। भारतीय नौसैनिक के जहाजों जलाश्व, ऐरावत, शार्दुल और मगर ने 55 दिनों के ऑपरेशन के दौरान 23 हजार किलोमीटर की दूरी तय की। इस दौरान मालदीव से 2386, श्रीलंका से 686 और इस्लामिक गणराज्य ईरान से 920 नागरिकों को स्वदेश लाया गया था। 'ऑपरेशन समुद्र सेतु' का पहला हिस्सा विदेशों से 3,992 भारतीय नागरिकों को वापस लाने के बाद समाप्त कर दिया गया था। अब फिर जब कोविड की दूसरी लहर के दौरान देश को ऑक्सीजन की जरूरत है तो ऑपरेशन समुद्र सेतु-II लॉन्च किया गया है।