विदेशी मरकजियों के खिलाफ धरपकड़ अभियान तेज
नई दिल्ली। विदेशी तब्लीगियों से पूछताछ व उनके पासपोर्ट जब्त करने के मामले में गृह मंत्रालय के सख्त आदेश के चलते दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने तब्लीगियों के खिलाफ खोज अभियान तेज कर दिया है। इस अभियान के तहत अपराध शाखा ने गुरूवार को साकेत अदालत में 27 हजार पन्नों की चार्जसीट दाखिल कर दी है। पुलिस को अभी भी उन 197 विदेशी तब्लीगियों की तलाश है जो पासपोर्ट जमा करने से बचने के फेर में पुलिस को लंबे समय से चकमा दे रहे हैं।
गौरतलब है कि गृह मंत्रालय ने तब्लीगियों के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए 966 विदेशी तब्लीगियों के वीजा रद्द कर उन्हें काली सूची में डाल दिया है। 34 देशों से आए तकरीबन नौ सौ मरकजियों से पूछताछ कर ली गई है। लेकिन, अपराध शाखा तमाम कोशिशों के बावजूद अभी तक उन विदेशी तब्लीगियों को पकड़ने में कामयाब नहीं हो पाई है, जो विदेशी वीजा पर पर्यटन के बहाने भारत आए थे और दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित मरकज के एक धार्मिक जलसे में शामिल हुए थे। पूर्णबंदी लागू होने के बाद मरकज में छापामारी के दौरान पुलिस ने बड़ी संख्या में तब्लीगियों को गिरफ्तार किया था। जिनमें से तकरीबन नौ सौ मरकजियों को क्वारंटीन कराया था और उनसे पूछताछ की गई थी। लेकिन, 197 मरकजी अभी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं।
इन 197 विदेशी तब्लीगियों के बारे में पुलिस को अंदेशा है कि ये आसपास की मस्जिदों में या अन्य दुर्गम स्थलो ंपर छिपे हो सकते हैं। मरकज से निकलने के बाद बड़ी संख्या में ये तब्लीगी भागने में कामयाब हुए थे। कुछेक को रोहिंग्या शिविरों में देखा गया था लेकिन पुलिस के पहुंचने से पहले ही वे अन्यत्र भागने में कामयाब हो गए थे। जबकि कुछेक रोहिंग्या शरणार्थी मरकज में शामिल होने के बाद वापस शिविरों में लौटकर नहीं आए हैं। पुलिस को ऐसे में आशंका है कि ये शरणार्थी संपर्क में आने वाले लोगों को संक्रमित न कर दें। इस संबंध में मरकज के ही कई पदाधिकाारियों से भी पुलिस ने पूछताछ की है हालांकि दिल्ली पुलिस की कार्यशैली को लेकर कुछ सवाल भी उठ रहे हैं कि आखिर विदेशी तब्लीगयों की धरपकड़ के साथ अन्य उपद्रवियों को भी पकड़ा जा रहा है लेकिन उस मरकज प्रमुख साद के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई?