5G केस में कोर्ट की डांट के बाद जूही चावला ने वीडियो जारी कर की ये मांग

5G केस में कोर्ट की डांट के बाद जूही चावला ने वीडियो जारी कर की ये मांग
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मुंबई। 5जी रेडिएशन के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करने को लेकर काफी चर्चा में रहीं अभिनेत्री जूही चावला ने आज एक वीडियो सोशल मीडिया पर जारी किया। जिसमें उन्होंने बताया की उन्होंने क्यों अदालत का दरवाजा खटखटाया था।

उन्होंने ट्विटर और इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें वह कह रही हैं- 'नमस्‍ते, पिछले दिनों में इतना शोर हो गया कि मैं तो अपने आप को भी नहीं सुन पाई। इस शोर में मुझे लगा कि एक बहुत अहम, बहुत ही महत्‍वपूर्ण मेसेज शायद खो गया और वो था कि हम 5जी के ख‍िलाफ नहीं हैं। हम 5जी के ख‍िलाफ नहीं है, बल्‍क‍ि हम तो इसका स्‍वागत करते हैं। आप प्‍लीज जरूर लेकर आइए। हम बस यही कहना चाह रहे हैं कि अथॉरिटीज यह सर्टिफाई करें कि यह सेफ है।' हम सब यह कह रहे हैं प्‍लीज आप इसे सर्टिफाई कर दीजिए, इस पर स्‍टडीज, इस पर रिसर्च पब्‍ल‍िक डोमेन में पब्‍ल‍िश कर दीजिए। ताकि हमारा ये जो डर है, ये निकल जाए। हम सब लोग आराम से जाकर सो जाएं। हम बस यह जानना चाहते हैं कि यह बच्‍चों के लिए, प्रग्‍नेंट महिलाओं के लिए सुरक्ष‍ित है। हम बस यही कह रहे हैं।'सोशल मीडिया पर जूही का यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है।

20 लाख का लगा जुर्माना -

उल्लेखनीय है, 5जी को लेकर जूही चावला ने अदालत का दरवाजा खटखटाया था। जूही चावला ने इस याचिका के जरिए भारत सरकार के दूरसंचार मंत्रालय से अपील की है कि 5जी टेक्नोलॉजी के लागू करने से पहले आम लोगों, जीव-जंतुओं, वनस्पति और पर्यावरण पर इससे पड़ने वाले प्रभाव पर बारीकी से अध्ययन करने की जरूरत है। वहीं इस मामले में कोर्ट ने जूही की याचिका को ख़ारिज करते हुए उन्हें कड़ी फटकार लगाई थी। कोर्ट ने जूही चावला के सरकार को प्रतिवेदन दिए बिना 5जी वायरलेस नेटवर्क तकनीक को चुनौती देने के लिए सीधे अदालत आने पर सवाल उठाए और इसे सिर्फ पब्लिसिटी स्टंट बताया था। इदिल्ली हाईकोर्ट ने इस याचिका को खारिज करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता ने कानूनी प्रक्रिया का गलत इस्तेमाल किया है और उन पर 20 लाख का जुर्माना भी लगा दिया था।

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