ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कानपुर -बेंगलुरु फ्लाइट को दिखाई हरी झंडी

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कानपुर -बेंगलुरु फ्लाइट को दिखाई हरी झंडी
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नईदिल्ली। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने सोमवार को यहां कानपुर और बेंगलुरू के बीच इंडिगो की उड़ान का उद्घाटन किया। कानपुर-मुंबई और हैदराबाद के बीच भी उड़ानें आज से शुरू हो गईं।

इस अवसर पर वर्चुअल माध्यम से ग्रामीण विकास राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति, उत्तर प्रदेश सरकार के नागरिक उड्डयन मंत्री नंद गोपाल गुप्ता (नंदी), औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना, सांसद सत्यदेव पचौरी और देवेंद्र सिंह भोले भी उपस्थित थे। इस अवसर पर नागरिक उड्डयन मंत्रालय, उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकारी और इंडिगो के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।

इस अवसर पर सिंधिया ने कहा कि यह नया मार्ग न केवल कानपुर से संपर्क को बढ़ाएगा बल्कि इन क्षेत्रों के बीच व्यापार, वाणिज्य और पर्यटन को भी बढ़ावा देगा। उन्होंने कहा कि कानपुर न केवल देश का एक महत्वपूर्ण औद्योगिक केंद्र है, बल्कि इसका ऐतिहासिक और आध्यात्मिक महत्व भी है। इसने 1857 में भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके वस्त्र और चमड़ा उद्योग के कारण, कानपुर को पूर्व का मैनचेस्टर कहा जाता था। तीन प्रमुख शहरों के साथ शहर के जुड़ने से वहां से विमान की आवाजाही प्रति सप्ताह 20 से बढ़कर 41 हो जाएगी, जिससे औद्योगिक और व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार भी पैदा होगा। जहां तक विमानन के लिए बुनियादी ढांचे का सवाल है, 106 करोड़ रुपये की लागत से कानपुर शहर के लिए नया टर्मिनल जल्द ही निर्धारित समय के भीतर तैयार हो जाएगा।

दूरदर्शी दृष्टिकोण -

मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के ऐतिहासिक और दूरदर्शी दृष्टिकोण ने उड़ान योजना की शुरुआत की, जिसने आम नागरिक को भी उड़ान भरने में सक्षम बनाया और इस क्षेत्र का लोकतंत्रीकरण किया। उन्होंने कहा कि हवाई किराए में काफी गिरावट आई है और हवाई किराए अब लंबी दूरी की ट्रेनों से कम हो गए हैं। योजना के तहत 100 नए हवाईअड्डे बनाए जाएंगे और 1000 नए रूट शुरू होंगे।

62 और हवाईअड्डे जोड़े गए -

सिंधिया ने कहा कि देश में पहले सिर्फ 75 हवाई अड्डे थे लेकिन पिछले 7 वर्षों में 62 और हवाईअड्डे जोड़े गए हैं। उत्तर प्रदेश के बारे में उन्होंने कहा कि राज्य में 2 हवाईअड्डे चालू थे, लेकिन अब यह संख्या 9 हो गई है, जो 80 गंतव्यों को कवर करती है। जल्द ही राज्य में परिचालन हवाईअड्डों की संख्या बढ़कर 15 हो जाएगी। उत्तर प्रदेश में केवल दो अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे थे, और तीसरा हाल ही में कुशीनगर में जोड़ा गया था और जल्द ही अयोध्या और जेवर में दो और आने वाले हैं।

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