​एलएसी पर सेना की तैयारियां देखने निकले नरवणे

​एलएसी पर सेना की तैयारियां देखने निकले नरवणे
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सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में सेना की तैनाती और ऑपरेशनल तैयारियों की समीक्षा करेंगे पूर्वी क्षेत्र में ​मौजूदा स्थिति से निपटने के लिए भारतीय सेना की रणनीति पर भी होगी चर्चा

नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ पिछले 90 दिनों से चले आ रहे सैन्य टकराव के बीच सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे दो दिन में पूर्वी कमान का दौरा करने निकले हैं। इस दौरान वह वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में सेना की तैनाती और ऑपरेशनल तैयारियों की समीक्षा करेंगे। वह पूर्वी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान और अन्य सभी शीर्ष कमांडरों के साथ तेजपुर में 4 कोर मुख्यालय में सुरक्षा स्थिति की विस्तार से समीक्षा करेंगे।

सेना के सूत्रों के मुताबिक थलसेना अध्यक्ष जनरल नरवणे चीन बॉर्डर पर तेजपुर के दौरे पर हैं। वह वहां चीन के साथ चल रहे तनाव की स्थिति से निपटने के लिए सेना की तैयारी का जायजा लेने पहुंचे हैं। वह तेजपुर स्थित सेना के 4 कोर मुख्यालय पर वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के साथ सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करेंगे। इस दौरान वरिष्ठ अधिकारी मौजूदा स्थिति और सेना की तैनाती के बारे में जानकारी देंगे। इस दौरान ​​मौजूदा स्थिति से निपटने के लिए भारतीय सेना की रणनीति के बारे में भी चर्चा होगी ताकि इस क्षेत्र में एलएसी के साथ स्थिति से निपटा जा सके। पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ तीन माह से जारी गतिरोध के बीच सेना प्रमुख जनरल नरवणे अपनी 2 दिनों की आधिकारिक यात्रा के दौरान तवांग और बम ला जैसे क्षेत्रों की देखभाल करने वाले मुख्यालय गजराज कोर भी जायेंगे।

सूत्रों के मुताबिक भारत ने चीन के साथ सैन्य टकराव की लंबी दौड़ की तैयारी के साथ 3,488 किलोमीटर लंबी एलएसी के तीनों क्षेत्रों में पश्चिम (लद्दाख), मध्य (उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश) और पूर्वी (सिक्किम, अरुणाचल) में सेना की बड़े हथियारों के साथ तैनाती कर रखी है। लद्दाख में चीन से लगती हुई 856 किमी. की सीमा पर चीनी सैनिकों की तैनाती के जवाब में भारत ने भी टैंक, पैदल सेना के वाहनों और करीब 10 हजार अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती की है। इसके अलावा भारतीय वायुसेना ने लड़ाकू विमान मल्टी रोल कम्बैक्ट, मिराज-2000, सुखोई-30 एस और जगुआर जैसे लड़ाकू विमान तैनात किए हैं।

पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने भारत के इलाके उत्तराखंड के लिपुलेख पास पर पीएलए के सैनिक एलएसी के पार देखे गए हैं। लिपुलेख पास पर सीमा से कुछ दूर पीएलए ने एक बटालियन तैनात की है, जिसमें करीब 1000 सैनिक हैं। भारत ने भी पीएलए सैनिकों के बराबर संख्या बढ़ा दी है और नेपाल पर भी नजर रखी जा रही है। यह वह जगह है जहां भारत, नेपाल और चीन की सीमाएं मिलती हैं। चीन ने अरुणाचल प्रदेश के पास स्थित तिब्बत में अपनी सेना जुटा रखी है। यह खुलासा अन्तरिक्ष में घूम रहे भारत के जासूसी उपग्रह इलेक्ट्रॉनिक इंटेलिजेंस सेटेलाइट (EMISAT) ने किया है। इस अन्तरिक्ष जासूस ने अच्छी खासी जानकारी जुटाकर भारत को दी है। इसी तरह चीन हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले की सीमा से सटे अपने कब्जे वाले तिब्बत में 20 किमी. तक सड़क निर्माण कर रहा है, जिसमें 2 किमी. 'नो मैन्स लैंड' भी है।

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