राष्ट्रीय महिला आयोग ने हाथरस गैंग रेप पीड़िता की पहचान उजागर करने वालों को भेजा नोटिस

राष्ट्रीय महिला आयोग ने हाथरस गैंग रेप पीड़िता की पहचान उजागर करने वालों को भेजा नोटिस
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नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के हाथरस में दलित युवती से कथित गैंग रेप को लेकर सोशल मीडिया पर काफी आक्रोश दिखा था और दिल्ली समेत कई जगहों पर प्रदर्शन भी हुए थे। इन प्रदर्शनों में और सोशल मीडिया पर कथित पीड़िता की तस्वीर साझा किए जाने पर राष्ट्रीय महिला आयोग ने स्वत: संज्ञान लेते हुए कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह, बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय और एक्ट्रेस स्वरा भास्कर को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है।

महिला आयोग के नोटिस के अनुसार, हाथरस गैंग रेप पीड़िता को लेकर हुए विभिन्न प्रदर्शनों में भी पीड़िता की तस्वीरों का इस्तेमाल किया गया था। अमित मालवीय ने 2 अक्टूबर को ट्वीट डाला था, जिसमें कथित पीड़िता का वीडियो था और वह स्ट्रेचर पर लेटी हुई थीं। इस वीडियों में रिपोर्टर पीड़िता से सवाल करते दिख रहे थे और जवाब में पीड़ता कह रही है कि उनका गला दबाया गया और जीभ में चोट लगी है। बाद में उन्होंने सवाल कर रहे रिपोर्टरों के कहने पर मुंह खोलकर अपनी जीभ दिखाई थी।48 सेकेंड के इस वीडियो के सार्वजनिक होने के बाद से ही लोग अमित मालवीय के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे थे।

महिला आयोग का कहना है कि अमित मालवीय के अलावा दिग्विजय सिंह औ स्वरा भास्कर व अन्य लोगों ने भी सोशल मीडिया और जंतर-मंतर पर प्रदर्शन के दौरान पोस्टरों के जरिए कथित पीड़िता की तस्वीर साझा की थी।

महिला आयोग के नोटिस में कहा गया है कि कई ट्विटर पोस्ट्स से पता चला है कि हाथरस की घटना पर प्रदर्शनों के दौरान पीड़िता की तस्वीर का इस्तेमाल किया गया। सुप्रीम कोर्ट ने रेप पीड़िता की पहचान उजागर करने पर रोक लगाई हुई है। आयोग ने नोटिस जारी कर सोशल मीडिया पर प्रकाशित की गईं तस्वीरों को हटाने के लिए कहा है। इसके अलावा संतोषजनक स्पष्टीकरण भी देने के लिए कहा गया है।

गौरतलब है कि हाथरस के एक गांव में 14 सितंबर को 19 वर्षीय दलित लड़की से चार लड़कों ने कथित रूप से गैंग रेप किया था। इस लड़की की 29 सितंबर को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज के दौरान मृत्यु हो गई थी। पीड़िता की 30 सितंबर को रात के अंधेरे में उसके घर के पास ही अंत्येष्टि कर दी गई थी। उसके परिवार का आरोप है कि स्थानीय पुलिस ने जल्द से जल्द उसका अंतिम संस्कार करने के लिए मजबूर किया। हालांकि, स्थानीय पुलिस अधिकारियों का कहना है कि परिवार की इच्छा के मुताबिक ही अंतिम संस्कार किया गया।

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