अब मई की सैलरी मिलेगी या नहीं बना संशय, पढ़े पूरी खबर
दिल्ली। लॉकडाउन की अवधि बढ़ने से देशभर की 80 फीसदी छोटी कंपनियां अपने कर्मचारियों को अप्रैल माह का वेतन देने में सक्षम नहीं है। आईएमएसएमई के चेयरमैन राजीव चावला ने हिन्दुस्तान को बताया कि लॉकडाउन की अवधि बढ़ने का सबसे बुरा असर छोटी कंपनियों पर हुआ है। ऐसा पूरे अप्रैल महीने में उत्पादन ठप रहने से हुआ है। इसके चलते देशभर की 80 फीसदी से ज्यादा छोटी कंपनियां अब इस हालात में नहीं बची हैं कि वह अपने श्रमिकों और कर्मचारियों को अप्रैल महीने का पूरा वेतन दे पाएं। करीब 50 फीसदी छोटी कंपनियां बैंकों से कर्ज लेकर वेतन का कुछ हिस्सा देने की तैयारी कर रही हैं।
देश की 36% कंपनियों ने सैलरी बढ़ोतरी रोकी महामारी के चलते पैदा हुए अप्रत्याशित हालात के बीच देश की कंपनियों ने 36% कंपनियों ने सैलरी बढ़ोतरी रोक दी है। ग्लोबल रिसर्च कंपनी कोर्न फेरी की रिपोर्ट से यह जानकारी मिली है। कुछ कंपनियों ने इस कठिन समय में नई भर्ती पर रोक और कुछ ने वेतन वृद्धि में रोक का फैसला भी किया है।
-ऑटो पार्ट्स कंपनी सोलो मैन्यूफैक्चरिंग प्राइवेट लिमिटेड के एमडी संदीप किशोर जैन ने बताया कि ऑटो कंपनियों में अभी वेतन की समस्या नहीं है, लेकिन ऑटो पार्ट्स बनाने वाली कंपनियां कर्मचारियों का वेतन देने में सक्षम नहीं हैं। अप्रैल की सैलरी देने में हम सभी को समस्या आ रही है। ढील के बावजूद ऑटो कंपनियों की ओर से ऑर्डर नहीं मिल रहे हैं।
-फेडरेशन ऑफ इंडियन माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (एफआईएसएमई) के महासचिव अनिल भारद्वाज ने बताया कि अप्रैल महीने में 90 फीसदी एमएसएमई कर्मचारियों का वेतन देने में सक्षम नहीं हैं। उत्पादन बंद होने से एमएसएमई कंपनियों का वित्तीय संकट गहरा गया है।
-गौर ग्रुप के एमडी मनोज गौड़ ने हिन्दुस्तान को बताया को लॉकडाउन में ढील देने के बावजूद रियल एस्टेट प्रोजेक्ट का काम शुरू करना मुश्किल हो रहा है। किसी भी प्रोजेक्ट को बनाने में 150 तरह के सामान की जरूरत होती है, जिसकी आपूर्ति हो नहीं पा रही है। अप्रैल का वेतन जरूरत के हिसाब से दे रहे हैं , लेकिन मई में वेतन देना मुश्किल होगा।
-देश के खुदरा कारोबारियों के संगठन कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि छोटी दुकानों से लेकर बड़े शोरूम कर्मचारियों को वेतन देना मुश्किल हो रहा है। पूरे महीने दुकान या शोरूम बंद होने से कर्मचारियों को वेतन देने के लिए कारोबारियों के पास पैसे नहीं हैं। अब ढील नहीं देने से समस्या और बढ़ेगी।
-इंडिगो मई से अपने वरिष्ठ कर्मचारियों के वेतन में कटौती करेगी। साथ ही कंपनी जून और जुलाई में श्रेणीबद्ध तरीके से लोगों को सीमित बिना वेतन की छुट्टी पर भी भेजेगी। इसी तरह का हाल होटल, पर्यटन से जुड़े कर्मचारियों का है।
-दिल्ली के दरीबा ज्वेलर्स एसोसिएशन के प्रेसीडेंट तरुण गुप्ता ने बताया कि जेम्स एंड ज्वैलरी इंडस्ट्री अप्रैल महीने का वेतन किसी तरह से अपने कर्मचारियों का दे रही है। लेकिन यह स्थिति मई महीने में चलना मुश्किल है।
-पब्लिक स्कूल एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन के संयुक्त सचिव प्रेम रंजन ने बताया कि निजी स्कूलों में काम कर रहे कर्मचारियों और शिक्षकों का वेतन देना मुश्किल हो रहा है। मार्च और अप्रैल में 50% सैलरी का भुगतान किया है।