वायुसेना प्रमुख ने 11 देशों के साथ रक्षा सहयोग और सुरक्षा पर द्विपक्षीय चर्चा की

वायुसेना प्रमुख ने 11 देशों के साथ रक्षा सहयोग और सुरक्षा पर द्विपक्षीय चर्चा की
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अमेरिका के हवाई शहर में चार दिनों तक प्रशांत वायु सेना प्रमुख संगोष्ठी 2021 (पैक्स-21) में भाग लिया

नईदिल्ली। वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने अमेरिका के हवाई शहर में चार दिनों तक प्रशांत वायु सेना प्रमुख संगोष्ठी 2021 (पैक्स-21) में भाग लिया। उन्होंने ग्यारह अन्य देशों के वायु सेना प्रमुखों के साथ रक्षा सहयोग, सुरक्षा पर द्विपक्षीय और बहुपक्षीय बैठकें भी कीं। इस संगोष्ठी ने शामिल होने वाले देशों के बीच आपसी समझ बढ़ाने और समान विचारधारा वाले देशों के साथ संबंधों को गहरा करने का अवसर प्रदान किया।

हवाई स्थित संयुक्त बेस पर्ल हार्बर-हिकम में 'क्षेत्रीय स्थिरता की दिशा में स्थायी सहयोग' विषय पर हुई संगोष्ठी में हिंद-प्रशांत क्षेत्र के देशों के वायु सेना प्रमुखों ने भाग लिया। एयर चीफ मार्शल भदौरिया को संगोष्ठी के लिए डीन के रूप में नामित किया गया था। संगोष्ठी में पैनल चर्चा, टेबल टॉप अभ्यास और क्षेत्रीय सुरक्षा के पहलुओं और एयर डोमेन जागरुकता के महत्व से लेकर मानवीय एवं आपदा राहत कार्यों के लिए वायु सेना के बीच सहयोग के विषयों पर विचार-विमर्श किया गया। 30 अगस्त से 02 सितम्बर तक अमेरिका की यात्रा पर रहे भदौरिया ने अमेरिकी वायु सेना के जूनियर चीफ ऑफ स्टाफ जनरल चार्ल्स क्यू ब्राउन और प्रशांत वायु सेना के कमांडर जनरल केन विल्सबैक से मुलाकात की। उन्होंने ग्यारह अन्य देशों के वायु सेना प्रमुखों के साथ रक्षा सहयोग और सुरक्षा पर द्विपक्षीय और बहुपक्षीय बैठकें भी कीं।

हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में सहयोगियों और भागीदारों के साथ संबंधों को मजबूत करने की प्राथमिकता के साथ प्रशांत वायु सेना मुख्यालय में 31 अगस्त को संगोष्ठी शुरू हुई। संगोष्ठी के दौरान प्रशांत वायु सेना प्रमुखों ने आम मुद्दों और चुनौतियों को बेहतर ढंग से समझने के लिए एक दूसरे के साथ मजबूत संबंध विकसित करने के महत्व पर प्रकाश डाला। पीएसीएएफ कमांडर जनरल केन विल्सबैक ने कहा कि मैं इस संगोष्ठी के जरिये सबसे पहले आपसी रिश्ते मजबूत करना चाहता हूं। लगभग पूरे सप्ताह एक साथ बिताकर हम सभी के लिए प्रासंगिक मुद्दों पर चर्चा करना आपसी रिश्तों को बेहतर बनाने में एक सूत्रधार होगा। विल्सबैक ने कहा कि हमें भारत-प्रशांत में दीर्घकालिक चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहने की आवश्यकता है। पीएसीएएफ कमांडर ने एयर डोमेन जागरुकता पर भी ध्यान केंद्रित किया।


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