हंदवाड़ा पर सर्जिकल स्ट्राइक का डर, पाक चौकस
जम्मू/नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के हंदवाड़ा में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए भारतीय सेना के कर्नल आशुतोष शर्मा और अन्य चार जवानों का बदला भारतीय सेना ने हिज्बुल के टॉप कमांडर रियाज नायकू को मारकर पूरा कर लिया है। मगर पाकिस्तान को अब भी खौफ सता रहा है कि संभावित रूप से भारत जवाबी कार्रवाई करेगा और हंदवाड़ा का अभी और बदला लेगा। यही वजह है कि पाकिस्तानी वायु सेना ने अपने आसामान में निगहबानी बढ़ा दी है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर के हंदवाड़ा में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में भारतीय सेना के कर्नल के शहीद होने के बाद पाकिस्तान, भारत की जवाबी कार्रवाई के डर से खौफजदा हो गया है। एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए पाकिस्तानी वायु सेना ने अपने इलाके में जेट विमानों की गश्त तेज कर दी है।
सरकार के टॉप सूत्रों ने एएनआई को बताया कि हंदवाड़ा एनकाउंटर के समय, पाकिस्तान पहले से ही एक हवाई अभ्यास कर रहा था, जिसके बारे में भारत को भी जानकारी थी। उन्होंने कहा, ' एनकाउंटर में कर्नल के शहीद होने जाने के तुरंत बाद पाकिस्तानी वायु सेना ने अपनी गश्त बढ़ा दी और विमानों में एफ -16 और जेएफ -17 सहित लड़ाकू विमानों को शामिल कर लिया, जो हमारे निगरानी प्लेटफार्मों द्वारा लगातार सर्विलांस किए जा रहे थे।
इसके तुरंत बाद पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारत द्वारा झूठे फ्लैग ऑपरेशन के बारे में ट्वीट किया। इमरान का यह बयान भारत के उस बयान के बाद आया, जिसमें जिसमें कहा गया था कि भारत में हो रही हिंसा के पीछे पाकिस्तान का हाथ था। इमरान खान ने ट्वीट किया था, 'मैं पाकिस्तान को निशाना बनाने वाले झूठे फ्लैग ऑपरेशन के बहाने भारत के लगातार प्रयासों के बारे में दुनिया को आगाह कर रहा हूं। एलओसी के पार 'घुसपैठ' के ताजा आरोप इस खतरनाक एजेंडे में शामिल हैं।'
सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान की ओर गतिविधियां बढ़ने के बाद ऐसा प्रतीत हो रहा है कि वे पाकिस्तान के इशारे पर कश्मीर घाटी में बढ़ी हिंसा पर भारत के संभावित जवाबी कार्रवाई को लेकर डर रहे हैं और यही वजह है कि एहतियात बरत रहे हैं। पाकिस्तान को यह डर इसलिए भी सता रहा है क्योंकि पिछले कुछ सालों में बड़े आतंकवादी हमलों के बाद भारतीय सेनाओं ने जवाबी कार्रवाई है और शहीदों का बदला लिया है। मसलन उरी अैटक और पुलवामा आतंकी हमले के बाद भी सेना ने जवाबी कार्रवाइ की थी और पाकिस्तानी सीमा में घुसकर आतंकियों का सफाया किया था।
पुलवामा हमले के बाद भारतीय वायु सेना ने जैश-ए-मोहम्मद के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के बालाकोट में आतंकवादी शिविर पर एक हवाई हमला किया था, जिसमें कई आतंकवादी मारे गए थे।