किसान उत्पादक संगठन योजना में मिलेगी 15 लाख की सहायता, जानिए कैसे मिलेगा लाभ

किसान उत्पादक संगठन योजना में मिलेगी 15 लाख की सहायता, जानिए कैसे मिलेगा लाभ
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नईदिल्ली। भारत के किसानों को समृध्द कर भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा हर संभव प्रयास किया जा रहा है। बीते दिनों देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत के लिए एक विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा की थी। इस पैकेज के तहत वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कृषि क्षेत्र के विकास के लिए 1 लाख करोड़ रुपए दिया है। इसके साथ ही किसानों के लिए किसान उत्पादक संगठन की योजना भी शामिल है।

इस योजना के माध्यम से जो किसान सिर्फ उत्पादक हुआ करते थे, वे सभी अब कृषि संबंधी अपना कोई भी व्यापार शुरू कर सकते हैं।इसमें एफपीओ उनकी पूरी मदद करेगा। एफपीओ द्वारा किसान अपनी उपज को उचित दाम पा बेच पाएंगे। देशभर के करीब 100 जिलों के हर ब्लॉक में कम से कम 1 एफपीओ ज़रूर बनाया जाएगा।एफपीओ को सरकार द्वारा क्रेडिट गारंटी पर करीब 2 करोड़ रुपए तक का लोन भी मिल पाएगा। इसके साथ ही संगठन को 15 लाख रुपए तक की इक्विटी ग्रांट भी दी जाएगी।इस योजना के जरिए साल 2024 तक करीब 10 हजार एफपीओ बनाए जाएंगे।

क्या है पीएम किसान उत्पादक संगठन योजना (FPO)योजना

केंद्र सरकार की पीएम किसान उत्पादक संगठन योजना का मूल है किसानो का एक ऐसा समूह जो किसानों के हित में कार्य करता है और जो कंपनी एक्ट के अंतर्गत पंजीकृत होता है तथा कृषि उत्पादकों को आगे बढ़ाता है । केंद्र सरकार द्वारा इन संगठनों को 15-15 लाख रु की धनराशि आर्थिक सहायता के रूप में प्रदान की जाएगी। देश के किसानों के इन संगठनों को वही लाभ दिए जायेंगे जो किसी कंपनी को मिलते हैं।

इस पीएम किसान एफपीओ योजना के अनुसार देश में 10,000 नए किसानो के उत्पादक संगठन बनेगे जो कंपनी एक्ट के अंतर्गत पंजीकृत होंगे। इस योजना के अनुसार केंद्र सरकार की तरफ से संगठन के काम को देखने के बाद 15 लाख रु की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। केंद्र सरकार के माध्यम से किसान संगठनों को दी जाने वाली धनराशि तीन सालो के भीतर प्रदान कर दी जाएगी।

इस योजना के अनुसार यदि संगठन मैदानी क्षेत्र में काम करता है, तो उसमें कम से कम 300 किसान का जुड़े होना आवश्यक है। इसी तरह यह संगठन पहाड़ी क्षेत्र में काम करता है, तो 100 किसानो का इससे जुड़े होना आवश्यक है, तभी वह इस योजना का लाभ उठाने में सक्षम होंगे।

पीएम किसान एफपीओ योजना के अनुसार देश के किसानो अन्य प्रकार के भी लाभ होंगे जैसे बने संगठनों से जुड़े किसानों को अपनी उपज के लिए बाजार मिलेगा,और उनके लिए खाद, बीज, दवाई और कृषि उपकरण जैसे जरूरी सामान खरीदना बेहद आसान हो जायेगा। एक और बड़ा फायदा होगा कि किसान बिचौलियों से मुक्ति हो जाएंगे, जिससे की एफपीओ सिस्टम में किसानों को अपनी फसल के लिए अच्छा रेट मिल पायेगा।

प्रधानमंत्री किसान उत्पादक संगठन योजना 2021 का उद्देश्य

हम जानते हैं कि हमारे देश में अभी-भी ऐसे किसान हैं, जो आर्थिक रूप से बहुत कमज़ोर हैं, जिन्हे खेती करने से ज्यादा लाभ नहीं मिल पा रहा है। देश में फैले कोरोना वायरस के कारण किसानो के हालात और भी ज्यादा गंभीर होते जा रहे हैं। इसी समस्या को देखते हुए केंद्र सरकार द्वारा पीएम किसान उत्पादक संगठन योजना की शुरुआत की गयी है।

पीएम किसान FPO योजना का मुख्य उद्देश्य यह है कि किसान उत्पादक संगठनों को केंद्र सरकार द्वारा 15 -15 लाख रूपये की आर्थिक सहायता प्रदान करना है, जिससे कि कृषि सेक्टर को आगे बढ़ाया जा सकेगा। इस योजना के माध्यम से किसानो की आय में वृद्धि और किसानो के हित में कार्य किया जायेगा और किसानो को उसी तरह फायदा होगा जैसे कारोबार में होता है।छोटे और सीमांत किसानों की संख्या लगभग 86 फीसदी है, जिनके पास देश में 1.1 हेक्टेयर से कम औसत खेती है. इन छोटे, सीमांत और भूमिहीन किसानों को कृषि उत्पादन के दौरान भारी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. इन किसानों को अपनी आर्थिक कमजोरी के कारण अपने उत्पादों की मार्केटिंग की चुनौती का भी सामना करना पड़ता है।एफ.पी.ओ से छोटे, सीमांत और भूमिहीन किसानों के सामूहीकरण में सहायता होगी ताकि इन मुद्दों से निपटने में किसानों की सामूहिक शक्ति बढ़ सकें। एफपीओ के सदस्य संगठन के तहत अपनी गतिविधियों का प्रबंधन कर सकेंगे ताकि प्रौद्योगिकी, निवेश, वित्त और बाजार तक बेहतर पहुंच हो सके और उनकी आजीविका तेजी से बढ़ सके।

योजना का लाभ लेने के लिए शर्तें

अगर आप एक किसानो के समूह के रूप में कार्य करते हैं तथा अपना एफ.पी.ओ बनाना चाहते हैं तब आपको कुछ शर्तो को अनिवार्य रूप से पूरा करना होगा। किसानो के उत्पादक समूह को करोड़ों रुपए का आबंटन किया जाएगा। इसके साथ ही पंजीकृत किसानो को समय-समय पर वित्तीय सहायता भी प्रदान की जाती है तथा इनकी समस्याओ को सर्वोपरि रखा जाता है। मैदानी क्षेत्र में अगर किसान 10 बोर्ड सदस्य बनाते हैं तो एक बोर्ड सदस्य पर कम से कम 30 किसानों के समूह होने चाहिए ।

पहाड़ी क्षेत्र में पहाड़ी क्षेत्र के किसानों को योजना का लाभ लेने के लिए कम से कम 100 किसानो का जुड़ा होना अनिवार्य है।पीएम किसान एफपीओ योजना का लाभ लेने के लिए उत्पादक संगठन को नाबार्ड कंसल्टेंसी रेटिंग की भी जरूरत होगी। आपकी कंपनी के काम के आधार नाबार्ड कंसलटेंसी सर्विसेज आपको रेट किया जायेगा। रेटिंग के आधार पर ही आपको लाभ प्रदान किया जायेगा।

कंपनी का बिज़नेस प्लान की जानकारी – इस योजना के तहत लाभ प्रदान करने के लिए आपको बिज़नेस प्लान की जानकारी देनी होगी। आपके बिज़नेस प्लान की जांच के बाद यह जाना जायेगा की इसके द्वारा किसान को कितना लाभ मिल रहा है। यह भी देखा जायेगा की आप किसानों के हित में कितने कार्य कर रहे हो और उनके उत्पादों को उचित बाजार उपलब्ध करवा रहे हो या नहीं।

जिस कंपनी को रजिस्टर्ड करवाया जाएगा उसके गवर्नेंस को भी देखा जाएगा। बोर्ड ऑफ डायरेक्टर के द्वारा किसानों की बाजार में पहुंच आसान बनाने के लिए क्या काम किया जा रहा है इसका भी ध्यान रखा जायेगा। देश के वे इच्छुक लाभार्थी इस योजना का लाभ उठाना चाहते है तो उन्हें इस योजना के अंतर्गत आवेदन करना आवश्यक है।

आवश्यक दस्तावेज

  • सभी किसानो के पास पहचान के प्रमाण के रूप में वोटर आईडी होनी आवश्यक है।
  • किसानो के पास कंपनी पंजीकरण संबंधी सभी दस्तावेज होना जरुरी हैं।इस योजना के तहत केंद्र सरकार 4496 करोड़ रुपए का निवेश करेगी जिसके अनुसार संगठन को 15लाख रुपए नगद सहायता सरकार के द्वारा दी जाएगी।

यहां मिलेगी मदद -

अगर किसान एफपीओ बनाना चाहते हैं, तो आप राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक , लघु कृषक कृषि व्यापार संघ एवं राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम के कार्यालय में जाकर संपर्क कर सकते हैं। केंद्र सरकार की घोषणा के बाद हरियाणा के मुख्यमन्त्री ने एक हजार नए एफपीओ बनाने का फैसला किया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के शब्दों में ,"देश के किसानों की आय बढ़ाने और उन्हें सशक्त करने के लिये दस हजार किसान उत्पादक संगठन बनाने की योजना शुरू की गई है। किसान अब तक उत्पादक ही था और अब वह एफ.पी.ओ के माध्यम से व्यापार भी करेगा।"

पंजाब में भी कॉंग्रेस सरकार को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर इस दिशा में किसानों को जागरूक कर आत्मनिर्भर भारत बनाने में अपना सहयोग करना चाहिये। मोदी सरकार निश्चित ही किसानों को आर्थिक रूप से समृध्द कर भारत को आत्मनिर्भर बनाने में सफल होगी।

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