प्रधानमंत्री मोदी के 10 ऐतिहासिक भाषण, आमजनों के दिल में जागा विकास का विशवास

प्रधानमंत्री मोदी के 10 ऐतिहासिक भाषण, आमजनों के दिल में जागा विकास का विशवास
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File Photo

नईदिल्ली। एनडीए सरकार के दूसरे कार्यकाल के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ये दस प्रभावशाली भाषण हैं । उनके भाषणों ने न केवल खास समां बांधा और लोगों के बीच प्रभावकारी रहे बल्कि ये सभी आज इतिहास में एक श्रेष्ठ भाषणों में दर्ज हो चुके हैं ।

पार्टी मेरे लिए मां की तरह -

भारत के राजनीतिक इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ हुआ था जब देश के प्रधानमंत्री ने संसद की सीढिय़ों पर माथा टेका था। संसद के सेंट्रल हॉल में संसदीय दल की बैठक में नेता चुने जाने के मौके पर बेहद प्रधानमंत्री मोदी ने बेहद भावुक भाषण दिया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आंखों से आंसू निकल आए थे। मोदी ने कहा कि यह इस लोकतंत्र की ताकत है कि देश का एक सामान्य नागरिक इस जगह पर खड़ा है। एक मौके पर आडवाणी ने कहा कि मोदी ने पार्टी की प्रचार संभाल कर पार्टी पर कृपा की, इस पर मोदी ने कहा कि पार्टी उनके लिए मां की तरह है और कोई अपनी मां पर कृपा नहीं करता। यह कहते हुए मोदी रो पड़े थे।

पहली बार लाल किले प्राचीर से देश को संबोधन -

देश की स्वतंत्रता की 68 वीं वर्षगांठ के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार लाल किले प्राचीर से देश को संबोधित किया था। अपने इस ऐतिहासिक भाषण में मोदी ने बिना लिखा हुआ भाषण पढ़ा था। प्रधानमंत्री के इस भाषण की विरोधियो ने भी काफी प्रशंसा की थी।

न्यूयॉर्क के मैडिसन स्क्वेयर गार्डन में नरेंद्र मोदी का भाषण -

भाषण के दौरान मोदी जी का एक अलग ही अंदाज देखने को मिला था। अमेरिका के मैडिसन स्क्वायर में मोदी 360 डिग्री के मंच से भाषण दे रहे थे और उनके भाषण पर कितनी बार तालियां गूंजी ये कह पाना मुश्किल था। चारों तरफ मोदी समर्थकों ने ''मोदी…मोदी…'' के नारे लगाए। प्रधानमंत्री के इस भाषण को देखने के लिए इतने लोग इकट्ठा हुए थे कि ऐतिहासिक मैडिसन स्क्वेयर पार्क में भी जगह कम पड़ गई थी, जिसके बाद लोगों ने बाहर खड़े होकर मोदी के इस भाषण का लुत्फ उठाया था।

सिडनी में भी मोदी का जादू सिर चढ़कर बोला -

पीएम मोदी ने सिडनी में भी न्यूयॉर्क के मेडिसन स्क्वायर की तरह भीड़ का दिल जीत लिया था। सिडनी के आलफोंस एरीना में मोदी फीवर लोगों के सर चढ़ कर बोल रहा था। मोदी के इस भाषण को देश और दुनिया में काफी पसंद किया गया था। सोशल मीडिया पर मोदी के इस भाषण की धूम मच गई थी।

अफगान संसद का संबोधन हमेशा खास रहेगा -

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अफगानिस्तान की संसद का उद्घाटन करने के बाद पीएम मोदी ने अफगान संसद को संबोधित किया था। प्रधानमंत्री मोदी का यह संबोधन कई मायनो में हमेशा खास रहेगा। अफगानिस्तान की इस संसद का उद्घाटन पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजेपयी के जन्मदिन पर किया गया था। इस दौरान प्रधानमंत्री अफगान संसद के परिसर में अटल ब्लॉक का भी उद्घाटन किया।

मनरेगा बंद नहीं करूंगा -

संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मनरेगा को लेकर कांग्रेस को निशाने पर लेने वाला भाषण भी मोदी के खास भाषणों में से एक है। इस भाषण में प्रधानमंत्री ने कहा कि मनरेगा आपकी (कांग्रेस की) विफलताओं का जीता जागता स्मारक है। मैं मनरेगा बंद नहीं करूंगा क्योंकि मनरेगा आपके 60 साल के पापों का नतीजा है। मनरेगा बंद करने की गलती मैं नहीं करूंगा।

वैज्ञानिकों को बधाई -

23 रॉकेट के कामयाब लॉन्च के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों और वैज्ञानिकों को बधाई दी थी। बतौर पीएम वह पहली बार भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के किसी लॉन्च कार्यक्रम का गवाह बने और वैज्ञानिकों को संबोधित किया। अमूमन हिंदी में भाषण देने वाले मोदी ने यहां अंग्रेजी में भाषण दिया और पीएम के रूप में इस भाषा में यह उनका पहला भाषण था।

महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के साथ -

लंदन दौरे पर गए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय समुदाय के लोगों को वेम्बले स्टेडियम में संबोधित किया। उनके इस कार्यक्रम में शामिल होने से पहले तमाम रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। इससे पहले पीएम मोदी ने बकिंघम पैलेस में महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के साथ लंच भी किया था।

यहां किसी को कोई रास्ता नहीं देता, मुझे गिरा के तुम संभल सको तो चलो -

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बार के बजट सेशन की शुरुआत में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर राज्यसभा में धन्यवाद भाषण देत हुए कांग्रेस पर निशाना साधा था। प्रधानमंत्री ने कहा था मृत्यु को एक वरदान मिला है। मृत्यु कभी बदनाम नहीं होती। कांग्रेस को वरदान मिला हुआ है, कांग्रेस को कभी बदनामी नहीं मिलती। भाषण का अंत करते हुए उन्होंने निदा फाज़ली की गजल पढ़ी : सभी हैं भीड़ में, तुम भी निकल सको तो चलो; सफर में धूप तो होगी जो चल सको तो चलो; किसी के वास्ते राहें कहां बदलती हैं, तुम अपने आप को खुद ही बदल सको तो चलो। यहां किसी को कोई रास्ता नहीं देता, मुझे गिरा के तुम संभल सको तो चलो।

यूएई यात्रा -

मैं यहां लघु भारत देख रहा हूं : पीएम मोदी ने यूएई यात्रा के दौरान दुबई में भारतीय समुदाय के करीब 50000 लोगों को संबोधित किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह संबोधन काफी चर्चित संबोधनों में से एक है। इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा था कि 'मैं यहां लघु भारत देख रहा हूं, आप वही लोग हैं, जो देश के गौरव को बढ़ाने में लगे हैं'।

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