लड़ाकू विमानों ने आकाश में दिखाई ताकत, विमान पर बने बजरंगबली ने खींचा सभी का ध्यान
बेंगलुरु। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को बेंगलुरु में एयरो इंडिया के उद्घाटन दिवस पर कहा कि बेंगलुरु का आसमान नए भारत की सैन्य शक्ति का गवाह बन रहा है। बेंगलुरु का आसमान इस बात की गवाही दे रहा है कि नई ऊंचाइयां नए भारत की सच्चाई है। आज देश नई ऊंचाइयों को छू रहा है और उनसे आगे निकल भी रहा है। एक समय था जब इसे सिर्फ एक शो माना जाता था, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में देश ने इस धारणा को बदल दिया है। आज यह सिर्फ एक शो नहीं, बल्कि भारत की बढ़ती ताकत का प्रदर्शन भी है। प्रधानमंत्री मोदी ने 'इंडिया पवेलियन' का भी उद्घाटन किया।
HLFT-42 ने खींचा ध्यान -
इस दौरान स्वदेशी सुपरसोनिक एयरक्राफ्ट HLFT-42 ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा। इसकी टेल पर भगवान हनुमान की फोटो लगी है, जिसमें लिखा है कि तूफान आ रहा है।HLFT-42 नेक्स्ट जनरेशन का सुपरसोनिक लढ़ाकू विमान है, जो ट्रेनिंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
एयर शो में भारतीय वायु सेना के तेजस विमान ने शक्ति प्रदर्शन किया।इसके अलावा भारतीय वायु सेना के राफेल विमान ने बेंगलुरु के येलहंका एयरबेस से उड़ान भरकर अपनी ताकत से दुनिया को रूबरू कराया। भारतीय वायु सेना की एरोबेटिक टीम सारंग के हेलीकॉप्टरों ने भी आकाश में उड़ान भरकर प्रदर्शन किया। भारतीय वायु सेना का ईएमबी-145, एसयू-30 और मिग-29 ने एयरो इंडिया 2023 में हिस्सा लिया।इसके अलावा भारतीय वायु सेना के विंटेज विमान डगलस डीसी-3 डकोटा ने एयरो इंडिया 2023 में उड़ान भरी।
यह सिर्फ शो नहीं है, बल्कि भारत की बढ़ती ताकत का प्रदर्शन
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम में लगभग 100 देशों की उपस्थिति दर्शाती है कि दुनिया का भारत पर भरोसा कई गुना बढ़ गया है। इस प्रदर्शनी में भारत और दुनिया के 700 से अधिक प्रदर्शक भाग ले रहे हैं। एयरो इंडिया एक नए भारत के नए दृष्टिकोण को दर्शाता है। एक समय था जब इसे सिर्फ एक शो माना जाता था। पिछले कुछ वर्षों में देश ने इस धारणा को बदल दिया है। आज यह सिर्फ शो नहीं है, बल्कि भारत की बढ़ती ताकत का प्रदर्शन भी है। यह भारतीय रक्षा उद्योग के दायरे और हमारे आत्मविश्वास पर भी ध्यान केंद्रित करता है। हम रिफॉर्म्स के रास्ते पर हर सेक्टर में क्रांति ला रहे हैं। जो देश दशकों से सबसे बड़ा डिफेंस इंपोर्टर था, वो अब दुनिया के 75 देशों को डिफेंस इक्विपमेंट एक्सपोर्ट कर रहा है।
प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अपनी विशेषज्ञता का उपयोग
प्रधानमंत्री मोदी ने युवाओं से देश के रक्षा क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए अपने तकनीकी कौशल का उपयोग करने की भी अपील की। उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अपनी विशेषज्ञता का उपयोग करें, इसका उपयोग देश के रक्षा क्षेत्र को सशक्त बनाने और नए नवाचारों को खोलने के लिए करें। पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया भारत को सिर्फ एक रक्षा बाजार के रूप में ही नहीं बल्कि एक संभावित रक्षा भागीदार के रूप में भी देखती है। प्रदर्शनी में भाग लेने वाली भारतीय कंपनियों में एमएसएमई और स्टार्ट-अप शामिल हैं, जो देश की एयरोस्पेस और रक्षा क्षमताओं में विशिष्ट प्रौद्योगिकियों की प्रगति और विकास का प्रदर्शन करेंगे।
21वीं सदी का नया भारत
प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी का नया भारत अब न तो कोई मौका गंवाएगा और न ही मेहनत करने में पीछे रहेगा। हम सुधारों की राह पर हर क्षेत्र में क्रांति ला रहे हैं। दशकों तक रक्षा का सबसे बड़ा आयातक देश अब 75 देशों को रक्षा उपकरण निर्यात करता है।आज भारत दुनिया में रक्षा कंपनियों के लिए सिर्फ एक बाजार नहीं है। भारत आज एक संभावित रक्षा भागीदार है। यह साझेदारी उन राष्ट्रों के साथ भी है जो रक्षा क्षेत्र में बहुत आगे हैं, ऐसे राष्ट्र जो अपनी रक्षा आवश्यकताओं के लिए एक भरोसेमंद साथी की तलाश कर रहे हैं। 2021-22 में हमने अब तक के रिकॉर्ड 1.5 बिलियन डॉलर से ज्यादा के एक्सपोर्ट को पार कर लिया है।