प्रधानमंत्री ने सीबीआई के बहाने विपक्ष पर साधा निशाना, भ्रष्टाचार को लेकर कही ये.. बात
नईदिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई ) के हीरक जयंती समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। उन्होंने इस अवसर पर पोस्टल स्टांप और डायमंड जुबली मार्क वाला सिक्का लॉन्च किया। उन्होंने मेघालय की राजधानी शिलांग, महाराष्ट्र के पुणे और नागपुर में सीबीआई कार्यालय की नई बिल्डिंग का उद्घाटन भी किया।
इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा देश की प्रीमियम इन्वेस्टिगेशन एजेंसी के रूप में 60 वर्ष का सफर आपने (CBI) पूरा किया है। ये 6 दशक निश्चित रूप से अनेक उपलब्धियों के रहे हैं। आज यहां CBI के मामलों से जुड़े सुप्रीम कोर्ट का संग्रह भी जारी किया गया है। ये CBI के बीते वर्षों के सफर को दिखाता है।CBI ने अपने काम से, अपने कौशल से सामान्यजन को एक विश्वास दिया है। आज भी जब किसी को लगता है कि कोई केस असाध्य है तो आवाज उठती है कि मामला CBI को दे देना चाहिए।लोग आंदोलन करते हैं कि केस उनसे लेकर CBI को दे दो। यहां तक कि पंचातय स्तर पर भी कोई मामला आता है तो लोग कहते हैं कि इसे CBI को दे देना चाहिए। न्याय के, इंसाफ के एक ब्रांड के रूप में CBI हर जुबान पर है।
भ्रष्टाचारियों ने देश का खजाना लूटने का एक और तरीका बना रखा था जो दशकों से चला आ रहा था। ये था, सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों से लूट।
— BJP (@BJP4India) April 3, 2023
आज जनधन, आधार, मोबाइल की ट्रिनिटी से हर लाभार्थी को उसका पूरा हक मिल रहा है।
- पीएम @narendramodi pic.twitter.com/iPsbr7dj7N
कोटि-कोटि भारतीयों ने आने वाले 25 सालों में भारत को विकसित बनाने का संकल्प लिया है और विकसित भारत का निर्माण professional और efficient institutions के बिना संभव नहीं है। इसलिए CBI पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी है।पिछले 6 दशक में CBI ने Multi Dimensional और Multi Disciplinary जांच एजेंसी के तौर पर अपनी पहचान बनाई है, आज CBI का दायरा बहुत बड़ा हो चुका है। महानगर से लेकर जंगल तक CBI को दौड़ना पड़ रहा है।
मुख्य रूप से CBI की जिम्मेदारी भ्रष्टाचार से देश को मुक्त करने की है। भ्रष्टाचार कोई सामान्य अपराध नहीं होता। भ्रष्टाचार, गरीब से उसका हक छीनता है, अनेक अपराधों को जन्म देता है। भ्रष्टाचार, लोकतंत्र और न्याय के रास्ते में सबसे बड़ा रोड़ा होता है।जहां भ्रष्टाचार होता है, वहां युवाओं को उचित अवसर नहीं मिलते। वहां सिर्फ एक विशेष ecosystem ही फलता-फूलता है। भ्रष्टाचार प्रतिभा का सबसे बड़ा दुश्मन होता है और यहीं से भाई-भतीजावाद, परिवारवाद को बल मिलता है।जब भाई-भतीजावाद और परिवारवाद बढ़ता है, तो समाज का, राष्ट्र का सामर्थ्य कम होता है। जब राष्ट्र का सामर्थ्य कम होता है तो विकास प्रभावित होता है।
साल 2014 के बाद हमारा पहला दायित्व, व्यवस्था में भरोसे को फिर कायम करने का रहा। इसलिए हमने काले धन को लेकर, बेनामी संपत्ति को लेकर मिशन मोड पर एक्शन शुरु किया।आज हम इंटरनेट बैंकिंग की बात करते हैं, UPI से रिकॉर्ड ट्रांजेक्शन की बात करते हैं। लेकिन हमने 2014 से पहले बैंकिंग वाला दौर भी देखा है। ये वह दौर था, जब दिल्ली में प्रभावशाली राजनीतिक दलों से जुड़े लोगों के फोन पर हजारों करोड़ रुपए के लोन मिला करते थे।जिसने हमारी अर्थव्यवस्था के आधार… हमारे बैंकिंग सिस्टम को बर्बाद कर दिया था। बीते वर्षों में हम बहुत मेहनत करके अपने बैकिंग सेक्टर को मुश्किलों से बाहर निकाल कर लाए हैं।भ्रष्टाचारियों ने देश का खजाना लूटने का एक और तरीका बना रखा था जो दशकों से चला आ रहा था। ये था, सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों से लूट।आज जनधन, आधार, मोबाइल की ट्रिनिटी से हर लाभार्थी को उसका पूरा हक मिल रहा है।