प्रधानमंत्री ने देशवासियों को दिलाया स्वच्छता, सृजनात्मकता और आत्मनिर्भरता का संकल्प
प्रधानमंत्री मोदी बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक करते हुए
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर का उद्घाटन करने के बाद अपने उद्बोधन में कहा कि वे चाहते हैं कि इस पावन अवसर पर देशवासी स्वच्छता, सृजनात्मकता और आत्मनिर्भरता के तीन संकल्प लें। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने उद्बोधन के दौरान देश में विकास और विरासत के संरक्षण को लेकर हो रहे दोहरे प्रयासों का जिक्र किया। इस क्रम में उन्होंने कहा कि एक तरफ देश अपनी धरोहरों को सहेज रहा है, तो दूसरी ओर विकास की नई दिशा में भी आगे बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा कि भारत अब केवल अयोध्या में प्रभु श्रीराम का मंदिर ही नहीं, बल्कि देश के हर जिले में मेडिकल कॉलेज भी बना रहा है। आज केवल बाबा विश्वनाथ धाम का भव्य रूप ही नहीं, बल्कि गरीबों के लिये करोड़ों पक्के मकान भी बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि केवल सोमनाथ मंदिर का सौंदर्यीकरण ही नहीं, बल्कि समुंदर में हजारों किलोमीटर की ऑप्टिकल फाइबर भी बिछाई जा रही है। भारत आज बाबा केदारनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार ही नहीं, बल्कि अपने दम पर भारतीयों को अंतरिक्ष में भेजने की तैयारियों में भी जुटा हुआ है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अपनी खोयी हुई विरासत को फिर से संजो रहा है। काशी में मां अन्नपूर्णा विराजमान हैं और उन्हें खुशी हैं कि चोरी हुई मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा को एक शताब्दी के बाद काशी में फिर से स्थापित किया गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में आत्म गौरव और आत्मविश्वास का भाव जगाया। उन्होंने कहा कि जिस दृष्टि से हम स्वयं को देखेंगे, वैसी ही दृष्टि से विश्व भी हमें देखेगा। सदियों की गुलामी के प्रभाव ने हम में हीन भावना भर दी थी। आज हम उससे बाहर निकल रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारतीयों की भुजाओं में बल है और वह अकल्पनीय को साकार कर देते हैं। हम सब त्याग जानते हैं। हम तपस्या जानते हैं और देश के लिए दिन-रात खपना जानते हैं। चुनौती कितनी भी बड़ी क्यों न हो, हम भारतीय मिलकर उसको प्राप्त कर सकते हैं।