प्रधानमंत्री तमिलनाडु को देंगे बड़ी सौगात, 11 मेडिकल कॉलेजों का करेंगे उद्घाटन
नईदिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए तमिलनाडु में 11 नये सरकारी मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने सोमवार बताया कि 12 जनवरी को शाम 4 बजे मेडिकल कॉलेजों के साथ-साथ चेन्नई में केंद्रीय शास्त्रीय तमिल संस्थान के नये परिसर का भी उद्घाटन किया जाएगा।नये मेडिकल कॉलेज लगभग 4000 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से स्थापित किए जा रहे हैं, जिसमें से लगभग 2145 करोड़ रुपये केंद्र सरकार और बाकी तमिलनाडु सरकार द्वारा प्रदान किए गए हैं। जिन जिलों में नये मेडिकल कॉलेज स्थापित किए जा रहे हैं उनमें विरुधुनगर, नमक्कल, नीलगिरी, तिरुपुर, तिरुवल्लूर, नागपट्टिनम, डिंडीगुल, कल्लाकुरिची, अरियालुर, रामनाथपुरम और कृष्णागिरी हैं।
पीएमओ ने आगे कहा कि इन मेडिकल कॉलेजों की स्थापना देश के सभी हिस्सों में सस्ती चिकित्सा शिक्षा को बढ़ावा देने और स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए प्रधान मंत्री के निरंतर प्रयास के अनुरूप है। 1450 सीटों की संचयी क्षमता वाले नये मेडिकल कॉलेज 'मौजूदा जिला अथवा रेफरल अस्पताल से जुड़े नये मेडिकल कॉलेजों की स्थापना' की केंद्र प्रायोजित योजना के तहत स्थापित किए जा रहे हैं। योजना के तहत उन जिलों में मेडिकल कॉलेज स्थापित किए जाते हैं, जिनमें न तो सरकारी या निजी मेडिकल कॉलेज है।
पीएमओ ने आगे कहा कि चेन्नई में केंद्रीय शास्त्रीय तमिल संस्थान (सीआईसीटी) के एक नये परिसर की स्थापना भारतीय विरासत की रक्षा और संरक्षण और शास्त्रीय भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप है। नया परिसर पूरी तरह से केंद्र सरकार द्वारा वित्त पोषित है और 24 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। अभी तक किराए के भवन से संचालित होने वाला सीआईसीटी अब नये 3 मंजिला परिसर से संचालित होगा। नया परिसर एक विशाल पुस्तकालय, एक ई-लाइब्रेरी, सेमिनार हॉल और एक मल्टीमीडिया हॉल से सुसज्जित है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त संगठन, सीआईसीटी तमिल भाषा की प्राचीनता और विशिष्टता को स्थापित करने के लिए शोध गतिविधियां करके शास्त्रीय तमिल को बढ़ावा देने में योगदान दे रहा है। संस्थान के पुस्तकालय में 45,000 से अधिक प्राचीन तमिल पुस्तकों का समृद्ध संग्रह है। शास्त्रीय तमिल को बढ़ावा देने और अपने छात्रों का समर्थन करने के लिए, संस्थान अकादमिक गतिविधियों में शामिल है जैसे सेमिनार और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करना, फेलोशिप देना आदि। इसका उद्देश्य विभिन्न भारतीय और साथ ही 100 विदेशी भाषाओं में 'थिरुक्कुरल' का अनुवाद और प्रकाशन करना है। नया परिसर दुनिया भर में शास्त्रीय तमिल को बढ़ावा देने की अपनी खोज में संस्थान के लिए एक कुशल कार्य वातावरण प्रदान करेगा।