कूटनीतिक व आर्थिक मोर्चों पर चीन को पटकनी देने की तैयारी

कूटनीतिक व आर्थिक मोर्चों पर चीन को पटकनी देने की तैयारी
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बीएसएनएल ने खींचे हाथ, रेलवे ने भी चीनी कंपनी के साथ 471 करोड़ का करार किया रद्द

नई दिल्ली। गलवान घाटी में 20 भारतीय जवानों की शहादत ने देश में उबाल ला दिया है। इस घटना के बाद 'बॉयकाट चीनÓ का अभियान जोर पकड़ रहा है। सोशल मीडिया से लेकर गली चैराहों पर लोगों में फूट रहे गुस्से को देखते हुए केंद्र सरकार ने चीन को अलग-अलग मोर्चों पर घेरने की कवायद तेज कर दी है। सरकार ने चीन से निपटने के लिए एक ओर जहां कूटनीतिक प्रयास तेज किए हैं वहीं दूसरी ओर आर्थिक मोर्चे पर उसे पटकनी देने की तैयारी पूरी कर ली है। जिसका असर गुरूवार को साफतौर पर देखा गया। इस कड़ी में प्रथमदृष्टया चीन से आयातित सामान पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय शामिल है।

भारत-चीन सीमा विवाद का असर सरकारी कंपनियों पर भी साफतौर से देखा जा रहा है। केंद सरकार ने भारत संचार निगम लिमिटेड, बीएसएनएल से कहा है कि 4 जी संस्थानों को अपग्रड करने के लिए चीनी उत्पादों का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद कर दिया जाए। टेलीकॉम विभाग ने सुरक्षागत कारणों से यह फैसला लिया है। समझा जाता है कि 4जी सेवा के लिए विभाग जल्द ही निविदा जारी कर सकता है। इसके अलावा रेलवे ने भी चीनी कंपनी को दिया गया सिगनलिंग और टेलीकम्यूनिकेशन का 471 करोड़ का करार रद्द करने का निर्णय लिया है। रेलवे ने चीन की कंपनी बीजिंग नेशनल रेलवे रिसर्च एंड डिजाइन इन्सटीट्यूट आफ सिग्नल एंड कम्यूनिकेशन ग्रुप को 2016 में यह करार दिया था। रेलवे ने कहा कि काम में कंपनी की गति काफी धीमी है। कंपनी को यह काम 2019 में पूरा करना था, लेकिन अभी 20 प्रतिशत ही पूरा किया जा सका है।

गौरतलब है कि भारत-चीन के बीच तनाव के चलते देश में चीन के विरोध मे महौल चरम पर है। सोशल मीडिया पर चीनी सामान का बहिष्कार करने की मांग तेजी से उठने लगी है। स्वदेशी जागरण मंच ने चीनी कंपनियों के साथ हुए करारों को रद्द करने की मांग की है। बुक्रिग इडिया रिपोर्ट के अनुसार, चीनी कंपनियों द्वारा भारत में कुल निवेश करीब 1.98 लाख करोड़ रूपए का है।चीन की कंपनियों ने बड़े पैमाने पर भारतीय सटार्टअप में निवेश किया है।

सरकार से राहुल का सवाल-

बिना हथियारों के बार्डर पर सैनिकों को क्यों भेजा गया?

कांग्रेस नेता राहुल गांधी का सैनिकों की शहादत पर सवाल करना जारी है। बुधवार को गांधी ने एक ट्वीट के जरिए सरकार से सवाल किया है। उन्होंने पूछा चीन ने हमारे निहत्थे सैनिकों को कैसे मार दिया? गांधी ने गुरूवार को ट्वीट के जरिए फिर दो सवाल पूछे। उन्होंने सवाल किया कि चीन की यह कैसी हिम्मत कि उसने हमारे जवानों को मार दिया? हमने अपने निहत्थे सैनिकों को शहीद होने के लिए क्यों भेज दिया था?

राहुल को विदेश मंत्री का जवाब-

गलवान में निहत्थे नहीं थे हमारे सैनिक: एस जयशंकर

पूर्वी लद्दाख में चीनी सैनिकों के सामने भारतीय सैनिकों के निहत्थे भेजे जाने को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के सवाल पर विदेश मंत्रालय से प्रतिक्रिया आई है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राहुल गांधी के बयान को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि सैनिक पोस्ट छोड़ते ही हथियारों से लैस हो जाते हैं। गलवान घाटी में भी एक भी भरतीय सैनिक निहत्था नहीं था। हर सैनिक के पास हथियार थे, लेकिन समझौतों के मुताबिक वहां हथियारों का इस्तेमाल नहीं किया जाना था और नहीं किया गया।

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