नेवल एविएशन हंस सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित, राष्ट्रपति ने दिया प्रेजिडेंट कलर
नईदिल्ली। पूरे पश्चिमी समुद्री तट की सुरक्षा करने वाले भारतीय नौसेना के प्रमुख वायु स्टेशन आईएनएस हंसा ने रविवार को अपनी हीरक जयंती मनाई। इसके ठीक दूसरे दिन सोमवार को भारतीय सैन्य बलों के सर्वोच्च कमांडर रामनाथ कोविंद इन उड्डयन इकाई की औपचारिक परेड में शामिल हुए। इस मौके पर राष्ट्रपति कोविंद ने नौसेना की इस नेवल एविएशन को 'प्रेसिडेंट कलर' से सम्मानित किया। इतना ही नहीं इस अवसर को और खास बनाने के लिए डाक विभाग ने 'विशेष दिवस कवर' भी जारी किया है। नेवल एविएशन को सर्वोच्च सम्मान देने से पहले सर्वधर्म प्रार्थना भी की गई।
क्या है 'प्रेसिडेंट कलर' ?
'प्रेसिडेंट कलर' राष्ट्र के लिए असाधारण सेवा के सम्मान में एक सैन्य इकाई को दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है। देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने 27 मई 1951 को भारतीय सशस्त्र बलों को 'प्रेसिडेंट कलर' से सम्मानित करने की शुरुआत भारतीय नौसेना से की थी। इससे बाद अबतक दक्षिणी नौसेना कमान, पूर्वी नौसेना कमान, पश्चिमी नौसेना कमान, पूर्वी बेड़े, पश्चिमी बेड़े, पनडुब्बी शाखा, आईएनएस शिवाजी और भारतीय नौसेना अकादमी को 'प्रेसिडेंट कलर' से सम्मानित किया जा चुका है। इस नेवल एविएशन ने ऑपरेशन कैक्टस, ऑपरेशन जुपिटर, ऑपरेशन शील्ड, ऑपरेशन विजय और ऑपरेशन पराक्रम में शामिल होकर खुद को प्रतिष्ठित किया है। इसी साल में मई में आए चक्रवात 'ताउते' के दौरान इस नेवल एविएशन के मुंबई में किए गए बचाव अभियान ताजा उदाहरण हैं।
नौसेना की लड़ाकू शाखा में महिलाएं भी शामिल -
पिछले सात दशकों में यह उड्डयन इकाई 250 से अधिक विमानों के साथ एक आधुनिक, तकनीकी रूप से उन्नत और अत्यधिक शक्तिशाली बल में परिवर्तित हो गई है, जिसमें कैरियर-जनित लड़ाकू विमान, समुद्री टोही विमान, हेलीकॉप्टर और दूर से चलने वाले विमान शामिल हैं। नौसेना की लड़ाकू शाखा में महिलाओं को शामिल करने और उन्हें अपने पुरुष समकक्षों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करने में नेवल एविएशन सबसे आगे रही है। नौसेना एविएटर्स को पिछले कुछ वर्षों में एक महावीर चक्र, छह वीर चक्र, एक कीर्ति चक्र, सात शौर्य चक्र, एक युद्धसेवा पदक और बड़ी संख्या में नौ सेना पदक (वीरता) से अलंकृत किया गया है। 'प्रेसिडेंट कलर' का पुरस्कार नौसेना उड्डयन के उच्च पेशेवर मानकों और संचालन प्रदर्शन का प्रमाण है, जिसने राष्ट्र की सेवा में खुद को प्रतिष्ठित किया है।
साठ साल का बुजुर्ग हो गया आईएनएस हंसा -
भारतीय नौसेना की नेवल एविएशन उस समय अस्तित्व में आई, जब 13 जनवरी, 1951 को पहला सी-लैंड हवाई जहाज खरीदा गया। इसके बाद 11 मई, 1953 को भारतीय नौसेना एयर आर्म की कमान के तहत सुविधाओं को पूरी तरह से ऑपरेशनल नेवल एयर स्टेशन के रूप में कमीशन किया गया और इसका नाम बदलकर आईएनएस गरुड़ रखा गया। यह भारतीय नौसेना का सबसे पुराना ऑपरेटिंग एयर स्टेशन है। वर्ष 1958 में सी हॉक अलिजे और वैम्पायर विमान आने के साथ नौसेना की उड्डयन इकाई को और मजबूती मिली और इसके बाद दुर्जेय नौसेना ने लगातार विस्तार किया। इसके बाद कोयंबटूर में स्थापित नेवल जेट फ़्लाइट को ठीक 60 साल पहले 05 सितम्बर, 1961 को नौसेना के दूसरे वायु स्टेशन के रूप में आईएनएस हंसा को कमीशन किया गया।
नौसेना का फ्रंटलाइन एयर स्क्वाड्रन है आईएनएस हंसा -
गोवा की मुक्ति के बाद अप्रैल, 1962 में डाबोलिम हवाई क्षेत्र को नौसेना ने अपने कब्जे में ले लिया और आईएनएस हंसा को जून, 1964 में डाबोलिम में स्थानांतरित कर दिया गया। केवल कुछ विमानों के साथ एक मामूली हवाई स्टेशन के रूप में कमीशन किये गए आईएनएस हंसा ने पिछले छह दशकों में खुद को बेहतर ढंग से मजूबत किया है और मौजूदा समय में 40 से अधिक सैन्य विमानों का संचालन कर रहा है, जो 5000 घंटे से अधिक की औसत वार्षिक उड़ान भरते हैं। आईएनएस हंसा भारतीय नौसेना का फ्रंटलाइन एयर स्क्वाड्रन है जो जल्द ही आईएनएएस 316 के चालू होने के साथ बोइंग पी-8आई लंबी दूरी के समुद्री टोही विमान का संचालन करेगा। पिछले दशक में शक्तिशाली आईएनएस विक्रमादित्य पर मिग 29के को तैनात किया गया।
पूरे पश्चिमी समुद्री तट की सुरक्षा -
आईएनएस हंसा के कमांडिंग ऑफिसर कमोडोर अजय डी थियोफिलस का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों में इस एयर स्क्वाड्रन ने नौसेना की लड़ाकू शक्ति का प्रतिनिधित्व किया है। हंसा से संचालित विमान पूरे पश्चिमी समुद्री तट की सुरक्षा करते हैं जिसमें अपतटीय संपत्ति भी शामिल है। समुद्र में और उससे आने वाले खतरों को बेअसर करने के लिए इस एयर बेस ने नागरिक अधिकारियों को खोज और बचाव, एचएडीआर, बाढ़ राहत, सामुदायिक गतिविधियों और कई वंदे भारत उड़ानों के रूप में पर्याप्त सहायता प्रदान की है। नौसेना के वायु स्टेशन आईएनएस हंसा को आज भारतीय सैन्य बलों के सर्वोच्च कमांडर और भारत के राष्ट्रपति ने उस समय 'प्रेसिडेंट कलर' से सम्मानित किया है जब नौसेना की यह उड्डयन इकाई अपनी हीरक जयंती मना रही है।