राहुल का केंद्र से सवाल - दिल्ली में किलेबंदी क्यों हो रही है, क्या किसान दुश्मन है
नईदिल्ली। राहुल गांधी ने आज बुधवार को किसान आंदोलन के मुद्दे पर एक बार फिर सरकार को घेरा। उन्होंने कहा की किसान हिन्दुस्तान की शक्ति है, उसे दबाना, धमकाना, मारना सरकार का काम नहीं है। सरकार का काम किसान से बात करके इस समस्या का समाधान करना है। राहुल गांधी ने केंद्र पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार का काम किसानों को डराना, धमकाना, मारना नहीं है। सरकार को तत्काल किसानों से बात करनी चाहिए, कृषि कानूनों को वापस लेना चाहिए क्योंकि किसान पीछे हटने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में किसानों ने देश को बचाया, वे हमारी रीढ़ की हड्डी हैं लेकिन सरकार उन्हें भी बर्बाद करना चाहती है।
दिल्ली बॉर्डर पर तारबंदी को लेकर राहुल ने सरकार से पूछा कि आखिर किलाबंदी क्यों की जा रही है? क्या किसान दुश्मन हैं? जो किसान सभी को भोजन देते हैं...उन्हें क्यों धमकाया जा रहा है। उनसे मारपीट की जा रही है। सरकार उनसे बात कर समाधान क्यों नहीं निकालना चाहती। यह समस्या देश के लिए अच्छी बात नहीं है।
1 फीसदी लोगों के लिए बनाया बजट -
केंद्रीय बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा की सरकार के इस बजट से 99 फीसदी आबादी की बेहतरी की उम्मीद थी लेकिन हक़ीक़त यह है कि इसे एक फीसदी लोगों के लिए ही बनाया गया है। बजट में आम आदमी के हाथ में पैसा देने तथा छोटे व्यापारियों के बारे सोचा ही नहीं गया। सरकार ने न्याय योजना जैसा काम किया होता, छोटे व्यापारियों के बारे सोचा होता, तो बेहतर होता। उनकी इस सोच से आम आदमी के हाथ में पैसे जाते, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होती। गरीब, जरूरतमंद लोगों को आर्थिक लाभ पहुंचाने के बजाय कुछ पूंजीपतियों का ध्यान रखा गया है।
ये किस प्रकार का राष्ट्रवाद -
चीन के साथ सीमा विवाद पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि एक ओर हमारे बहादुर सैनिक कठिन परिस्थितियों और चीन से लड़ रहे हैं। चीन भारत में प्रवेश करता है और हमारी जमीन पर कब्जा करता है। ऐसे में सरकार उन्हें क्या संदेश दे रही है कि हम अपने रक्षा व्यय में वृद्धि नहीं करेंगे। देश की रक्षा को मजबूत करने के लिए सेना का खर्च बढ़ाने के बजाय सरकार की प्राथमिकता कुछ पूंजीपतियों को प्रोत्साहित करना है। आखिर ये किस प्रकार का राष्ट्रवाद है?