भारतीय रेलवे के निजीकरण का कोई प्रस्ताव नहीं : रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव
नईदिल्ली। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय रेलवे के निजीकरण का कोई प्रस्ताव नहीं है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) के जरिए ट्रेन सेवाओं के संचालन से मौजूदा यात्री ट्रेन सेवाएं प्रभावित नहीं होंगी और ये सेवाएं मौजूदा ट्रेन सेवाओं के अतिरिक्त होंगी।
अश्विनी वैष्णव ने राज्य सभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि भारतीय रेलवे ने सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) के माध्यम से 12 क्लस्टरों में 151 ट्रेनों (रेक) को शामिल करने के लिए निजी भागीदारी के लिए बोलियां आमंत्रित की हैं। उन्होंने कहा कि पीपीपी परियोजना के लिए सभी 12 क्लस्टरों के लिए वित्तीय बोलियां 23 जुलाई 2020 को खोली गई हैं। बोलियों का वित्तीय मूल्यांकन किया जा रहा है।
बोली प्रकिया के माध्यम से चयनित रियायत पाने वाले को मसौदा रियायत करार के अनुसार नियुक्ति की तारीख से 930 दिनों की अवधि के भीतर ट्रेन का प्रोटोटाइप चालू करना अपेक्षित होगा।रेल मंत्री ने एक अन्य प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि भारतीय रेल ने अपनी किसी भी मुख्य गतिविधि को पूरी तरह से निजी उद्यमों को हस्तांरित नहीं किया है। उन्होंने कहा कि क्षमता में कमी के कारण 2019-20 में प्रतीक्षा सूची (वेटिंग लिस्ट) यात्रियों की संख्या में लगभग 5 करोड़ की गिरावट देखी गई। इस कमी को पूरा करने के लिए भारतीय रेलवे पहले से ही ट्रेनों के वंदे भारत, तेजस, एलएचबी और विस्टाडोम आदि जैसे सवारी डिब्बों का उत्पादन बढ़ा चुकी है।