प्रधानमंत्री व्यक्तिगत अधिकार और राष्ट्र हित में सामंजस्य बनाने की कला जानते हैं

प्रधानमंत्री व्यक्तिगत अधिकार और राष्ट्र हित में सामंजस्य बनाने की कला जानते हैं
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राजनाथ सिंह ने राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित किया

नईदिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को एक कुशल प्रशासक और प्रभावी नेतृत्वकर्ता बताया और कहा कि वह व्यक्तिगत अधिकार और राष्ट्रीय हित में सामंजस्य बनाने की कला जानते हैं। उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर उस अवधारणा को चुनौती दी, जिसमें व्यापारिक समुदाय और उद्योगपतियों के साथ खड़े होने को सामाजिक प्रतिबद्धता के खिलाफ माना जाता था।

रक्षा मंत्री ने उक्त बातें आज 'प्रदत्तकारी लोकतंत्र-सरकार के मुखिया के तौर पर नरेन्द्र मोदी के 20 वर्षों की कार्यों की समीक्षा' विषय पर आयोजित तीन दिवसीय कार्यशाला के समापन समारोह में कहीं।केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 7 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरकार के मुखिया के तौर पर 20 साल का समय पूरा किया। वे महात्मा गांधी के बाद अकेले ऐसे नेता हैं, जिन्हें भारतीय समाज और उसकी मानसिकता की गहरी समझ है। उन्होंने यह सब अपने अनुभव के माध्यम से इसे प्राप्त किया है।

राजनाथ ने कहा कि स्वतंत्र भारत की राजनीति में नेताओं के बीच विश्वसनीयता का बड़ा संकट रहा है। नेताओं की कथनी और करनी के अंतर के चलते लोगों में धीरे-धीरे उनके प्रति विश्वास कम होता गया है। इस संबंध में राजनाथ ने प्रधानमंत्री मोदी के कार्य की प्रशंसा की और कहा कि विश्वसनीयता के इस संकट को एक चुनौती के रूप में उन्होंने स्वीकार किया और इस पर विजय प्राप्त की।

रक्षा मंत्री ने कहा कि नरेन्द्र मोदी के जीवन में अनेक चुनौतियां आईं लेकिन वह किसी के आगे झुके नहीं और विजय प्राप्त की। वह एक प्रभावी नेतृत्व और कुशल प्रशासन की एक केस स्टडी हो सकते हैं। उन्होंने प्रबंधन स्कूलों से आग्रह किया कि वह इसे केस स्टडी के तौर पर पढ़ायें।रक्षा मंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी के आतंकवाद पर कड़े रुख की भी प्रशंसा की। इस दौरान उन्होंने अनुच्छेद 370 हटाए जाने का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि बहुत से लोग मानते थे कि इसे हटाना बहुत मुश्किल साबित होगा लेकिन मोदी सरकार ने सभी को गलत साबित किया।


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