पेट्रोलिंग प्वाइंट-15 और 17ए पर दोनों देशों के सैनिक आमने-सामने
चीनी सैनिकों ने भारतीय क्षेत्र में 4 किमी. तक की घुसपैठ, पीछे हटने को तैयार नहीं
नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख के हॉट स्प्रिंग क्षेत्र में चीनी सेना ने 2 किमी. चौड़ा बफर जोन बनाने से इंकार कर दिया है। एलएसी पर भारतीय क्षेत्र में करीब 4 किमी. अंदर आ चुके चीनी सैनिक अब वापस लौटने को तैयार नहीं हैं बल्कि भारत से ही एक किमी. पीछे जाने को कह रहे हैं। इसका नतीजा यह है कि पेट्रोलिंग प्वाइंट-15 और 17ए पर दोनों देशों के सैनिक आमने-सामने हैं।
गुरुवार को हॉट स्प्रिंग में पीपी-15 और गोगरा में पीपी-17ए से दोनों देशों की सेनाएं पीछे हटने और यहां बफर जोन बनने की कार्यवाही शुरू होने की खबर आई थी जिसके बाद दोनों देशों के सैनिकों को एक दूसरे से करीब 2 किलोमीटर दूर होना था। सूत्रों के मुताबिक अब दोनों पक्षों के स्थानीय सैन्य कमांडरों ने 2 किलोमीटर चौड़ा बफर ज़ोन बनाने पर सहमति नहीं दी है। इसलिए अभी भी चांग चेनमो नदी के साथ पेट्रोलिंग पॉइंट-15 और 17ए के आसपास के क्षेत्र में दोनों देेशोंं के सैनिक आमने-सामने हैं।
पेट्रोलिंग प्वाइंट-15 के पास करीब 1,000 चीनी सैनिकों ने एलएसी पार करके भारतीय क्षेत्र में 4 किमी. तक घुसपैठ की है। इतना ही नहीं 3 किमी. तक भारतीय दावा क्षेत्र में सड़क का भी विस्तार किया है और भारतीय सैनिकों को आगे जाने से रोका जा रहा है। यहां 2 किमी. का बफर जोन बनाने और पीछे जाने के बजाय चीनी सैनिक भारतीयों को ही एक किमी. पीछे करने पर अड़े हुए हैं। यही हाल भारत के पेट्रोलिंग प्वाइंट-17A के समीप स्थित गोगरा पोस्ट का है जहां चीनी सेना भारतीय क्षेत्र में लगभग 2 किमी. घुस आई है और अब दोनों ओर से लगभग 1,500 सैनिक टकराव में हैं। चीनियों का तर्क है कि वे एलएसी के अपने क्षेत्र में हैं और इसे वापस लेना भारतीय पक्ष पर निर्भर है।
कोर कमांडर की वार्ता में बनी सहमति के आधार पर दोनों सेनाओं को एक-एक किमी. पीछे हटाया जाना था क्योंकि चीनी पहले से ही भारतीय दावा क्षेत्र में 2-4 किमी. घुसपैठ कर चुके हैं। नतीजतन 3 किमी. के बफर जोन को भारतीय क्षेत्र में ही बनाया जाएगा जिससे भारत का ही नुकसान होगा। फिर भी, चीनी इस बात को मानने से इनकार कर रहे हैं। गोगरा पोस्ट क्षेत्र में घुसपैठ करने वाले चीनी सैनिकों की नजरें भारत के पेट्रोलिंग प्वाइंट-18, 19, 20, 21, 22 और 23 पर टिकी हैं। चीन के पीछे न हटने की जिद पर पूर्वी लद्दाख की सीमा पर भारत का नुकसान होना स्वाभाविक है लेकिन भारतीय सेना भी अपनी एक इंच जमीन चीनियों के हिस्से में नहीं जाने देने के लिए अड़ी है।