कांग्रेस नेता शशि थरूर की सरकार को सलाह, कहा- हर बात का बुरा नहीं माना जाता'
नईदिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने विदेश मंत्रालय को सलाह दी है कि सिंगापुर के प्रधानमंत्री के बयान पर अलग तरह से प्रतिक्रिया दी जा सकती थी। इसके लिए उनके राजदूत को तलब करना अनुचित था।
We should have handled the matter with a statement saying "we heard with interest the PM's remarks. But we don't comment on other countries' internal matters, nor on debates in foreign Parliaments, & urge everyone to follow the same principle." Far more effective &less offensive.
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) February 18, 2022
शशि थरूर ने ट्वीट कर कहा कि विदेश मंत्रालय के लिए सिंगापुर जैसे मित्र देश के उच्चायुक्त को उनके प्रधानमंत्री द्वारा उनकी अपनी संसद में कुछ टिप्पणियों पर तलब करना बेहद अनुचित है। वह एक सामान्य विषय रख रहे थे। हमें सीखना चाहिए कि हर बात का बुरा नहीं माना जाता। उन्होंने आगे लिखा कि हमें इस मामले को एक बयान के साथ संभालना चाहिए था। इसमें कहा जा सकता था कि "हमने पीएम (सिंगापुर) की टिप्पणी को ध्यान से सुना है। हम दूसरे देशों के आंतरिक मामलों पर और न ही विदेशी संसदों में हुई बहस पर टिप्पणी करते हैं, और सभी से इस सिद्धांत का पालन करने का आग्रह करते हैं। यह बयान कहीं अधिक प्रभावी और कम आक्रामक होता।
भारत ने सिंगापुर के उच्चायुक्त साइमन वोंग को गुरुवार को तलब कर हाल में वहां के प्रधानमंत्री ली सीन लूंग के संसद में दिए एक बयान पर आपत्ती जताई है। सूत्रों के मुताबिक विदेश मंत्रालय में सिंगापुर के उच्चायुक्त को तलब कर कहा गया है कि प्रधानमंत्री का बयान गैर-जरूरी था।सिंगापुर भारत का एक प्रमुख रणनीतिक साझेदार है और शीर्ष राजनीतिक नेतृत्व के बीच घनिष्ठ संबंध रहे हैं। ऐसे में उसके उच्चायुक्त को तलब करना एक असाधारण घटनाक्रम है।
उल्लेखनीय है कि सिंगापुर के प्रधानमंत्री ने अपने यहां संसदीय बहस में कहा था कि एक लोकतांत्रिक प्रणाली को ईमानदार सांसदों की आवश्यकता होती है । भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की प्रशंसा करते हुए उन्होंने आगे कहा था कि नेहरू का भारत आज ऐसा बन गया है कि वहां मीडिया रिपोर्टों के अनुसार लोकसभा के लगभग आधे सांसदों पर बलात्कार और हत्या के आरोपों सहित आपराधिक मामले लंबित हैं। हालांकि यह भी कहा जाता है कि इनमें से कई आरोप राजनीति से प्रेरित हैं।