भारत और जापान के जहाजों ने किया समुद्री साझेदारी अभ्यास
नईदिल्ली। भारतीय नौसेना के जहाजों शिवालिक और कदमत ने बंगाल की खाड़ी में जापान मैरीटाइम सेल्फ डिफेंस फोर्स (जेएमएसडीएफ) के जहाजों उरगा और हीराडो के साथ समुद्री साझेदारी अभ्यास किया। इस अभ्यास का उद्देश्य दोनों नौसेनाओं के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना था। दूसरी तरफ रूसी नौसेना के जहाजों वरयाग, एडमिरल ट्रिब्यूज और बोरिस बुटोमा ने कोच्चि का दौरा किया। रूसी नौसैन्य अधिकारियों ने भारतीय नौसेना के साथ विभिन्न मुद्दों पर पेशेवर बातचीत की।
जेएमएसडीएफ के दोनों जहाज माइनस्वीपर डिवीजन वन का हिस्सा हैं और हिंद महासागर क्षेत्र में तैनाती पर हैं। माइनस्वीपर डिवीजन वन जेएस उरगा के कमांडर कैप्टन नोगुची यासुशी हैं। अभ्यास का उद्देश्य द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना, रक्षा सहयोग को बढ़ावा देना, दोनों नौसेनाओं के बीच आपसी समझ और अंतर-संचालन को बढ़ाना और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करना था। समुद्री साझेदारी अभ्यास में समुद्री संचालन की एक विस्तृत श्रृंखला, उड़ान संचालन, पुनःपूर्ति दृष्टिकोण और सामरिक युद्धाभ्यास शामिल थे। यह अभ्यास गैर संपर्क मोड में आयोजित किया गया, जिससे कोरोना सुरक्षा मानदंडों का पालन किया गया।
रूसी जहाजों ने की सद्भावना यात्रा -
रूसी नौसेना के मिसाइल क्रूजर वैराग, विध्वंसक एडमिरल ट्रिब्यूज और रूसी टैंकर बोरिस बुटोमा दो दिवसीय सद्भावना यात्रा पर कोच्चि पहुंचे। कोचीन पोर्ट ट्रस्ट पहुंचने पर वरिष्ठ नौसेना अधिकारियों ने नौसेना बैंड के साथ धूमधाम से रूसी जहाजों का स्वागत किया। इन जहाजों के कमांडिंग ऑफिसर प्रथम रैंक के कैप्टन अनातोली वेलिचको थे और वह रूसी प्रशांत बेड़े डिविजन के चीफ ऑफ स्टाफ भी हैं। दूसरे रैंक के कैप्टन रोमन ग्लूशकोव, मिसाइल क्रूजर वैराग के कमांडिंग ऑफिसर और विध्वंसक एडमिरल ट्रिब्यूज के कमांडिंग ऑफिसर कैप्टन इगोर टॉलबातोव और रियर एडमिरल एंटनी जॉर्ज ने दक्षिणी नौसेना कमान के चीफ ऑफ स्टाफ से मुलाकात की। यात्रा के दौरान रूसी नौसेना और भारतीय नौसेना के बीच विभिन्न मुद्दों पर पेशेवर बातचीत की गई। तीनों रूसी जहाज शुक्रवार को कोच्चि से रवाना हो गये।