चुनाव में फ्री बांटने का वादा मामले पर सुप्रीम कोर्ट का सुनवाई से इनकार, कही ये..बात

चुनाव में फ्री बांटने का वादा मामले पर सुप्रीम कोर्ट का सुनवाई से इनकार, कही ये..बात
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नईदिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा चुनाव में मतदाताओं को प्रलोभन देने के लिए समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों को अयोग्य करार देने की मांग पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने याचिका दाखिल करने वाले हिंदू सेना के उपाध्यक्ष सुरजीत सिंह यादव को फटकार लगाते हुए कहा कि उनका मकसद सिर्फ कुछ पार्टियों को नुकसान पहुंचाना है।

याचिका में राजनीतिक दलों की ओर से मतदाताओं को प्रलोभन देने को भ्रष्ट तरीका बताया गया था। याचिका में मतदाताओं को मुफ्त की चीजें देने की घोषणा को भ्रष्ट तरीका बताते हुए इसे जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 123(1)(ए) का उल्लंघन बताया था। याचिका में मांग की गई थी कि उप्र विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस के उम्मीदवारों को अयोग्य करार दिया जाए। याचिका में पंजाब में आम आदमी पार्टी (आप) उम्मीदवारों को भी अयोग्य करार देने की मांग की गई थी।

इसके पहले भी सुप्रीम कोर्ट में ऐसी ही एक याचिका दाखिल की गई है। 25 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय की याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार और निर्वाचन आयोग को नोटिस जारी किया था।

याचिका में चुनाव के दौरान मतदाताओं को लुभाने के लिए मुफ्त में उपहार देने वाली घोषणाएं करने वाले राजनीतिक दलों की मान्यता खत्म करने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि आजकल एक राजनीतिक फैशन बन गया है कि राजनीतिक दल अपने घोषणापत्र में मुफ्त बिजली की घोषणा करते हैं। ये घोषणाएं तब भी की जाती हैं जब सरकार लोगों को 16 घंटे की बिजली भी देने में सक्षम नहीं होते हैं। याचिका में कहा गया है कि मुफ्त की घोषणाओं का लोगों के रोजगार, विकास या कृषि में सुधार से कोई लेना-देना नहीं होता है लेकिन मतदाताओं को लुभाने के लिए ऐसी जादुई घोषणाएं की जाती हैं।

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