विचारकों को कोरोना के दुनिया और भारत पर इसके प्रभावों का अध्ययन करना चाहिए : उपरष्ट्रपति
नईदिल्ली। उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने कोरोना महामारी को मानवता के सामने सबसे गंभीर चुनौती करार देते हुए कहा है कि भारतीय रणनीतिक एवं शैक्षणिक समुदाय को कोविड पश्चात की दुनिया और भारत पर इसके प्रभावों का अध्ययन करना चाहिए।
उपराष्ट्रपति ने शनिवार को इंडियन काउंसिल ऑफ वर्ल्ड अफेयर्स की शासी परिषद की 19वीं बैठक और शासी निकाय की 20वीं बैठक को ऑनलाइन संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना के बाद की दुनिया और भारत पर पड़ने वाले प्रभाव का व्यापक रूप से विश्लेषण किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अब तक के इतिहास में मानव सभ्यता सबसे गंभीर संकट का सामना कर रही है। उन्होंने कोविड पश्चात की दुनिया के बारे में अध्ययन करने वाले कई संस्थानों सराहना की और कहा कि इसके प्रयास और तेज होने चाहिए। उन्होंने एशिया-पैसिफिक कोऑर्डिनेशन सेंटर में एक शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) अध्ययन केंद्र और सुरक्षा सहयोग परिषद स्थापित करने के आईसीडब्ल्यूए के निर्णय की सराहना की।