लॉकडाउन 5.0 में किसको कैसे मिल सकती है ज्यादा छूट, जानें
दिल्ली। कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए लागू लॉकडाउन का चौथा चरण 31 मई को समाप्त हो रहा है। इसके बाद ज्यादातर राज्य सरकारें सिर्फ कंटेनमेंट जोन में ही प्रतिबंध लगाना चाहती हैं। अगर केंद्र सरकार अनुमति देती है तो फिर राज्य सरकारें पहले के मुकाबले ज्यादा बाजार खोलने, एक राज्य से दूसरे राज्य तक परिवहन सुविधा को और सुगम बनाने, सोशल डिस्टेंसिंग के साथ धार्मिक जगहों को खोलने जैसे फैसले लेने पर विचार कर सकती हैं। वहीं, राज्य महीनेभर के भीतर स्कूलों को भी फिर से खोलना चाहते हैं।
लॉकडाउन के चौथे चरण में, केंद्र ने राज्यों को मामलों की गंभीरता के आधार पर जोन का सीमांकन करने का अधिकार दिया है और व्यापक दिशानिर्देशों के तहत राज्यों को अनुमति दी हुई है कि वे एक सीमा तक अपने नियमों को लागू करें। कई राज्यों ने अपने यहां निजी परिवहन को फिर से शुरू करने की अनुमति दी है। वहीं, कईयों ने दुकानें (मॉल और शॉपिंग कॉम्प्लेक्स को छोड़कर) और औद्योगिक गतिविधियों को फिर से शुरू किया है। वहीं, इस बीच, केंद्र ने घरेलू उड़ानों के संचालन को भी फिर से शुरू किया है। लेकिन अब पूरा फोकस अगले चरण के लॉकडाउन पर हो गया है।
छत्तीसगढ़ सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि राज्य सरकार ने फैसला किया है कि वह दुकानों को सप्ताह में छह दिन खोलने की अनुमति दे सकती है। व्यावसायिक-आर्थिक गतिविधियों को फिर से शुरू करने से अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने और राज्य में रोजगार प्रदान करने में भी मदद मिलेगी।
जम्मू और कश्मीर में एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि शॉपिंग मॉल, मल्टीप्लेक्स, रेस्तरां, स्कूल, कॉलेज और जिम को छोड़कर, बाकी सभी चीजों की अनुमति दी जा सकती है। वहीं, क्वारंटाइन के नियम भी वहीं रहेंगे। जैसे- वापस आ रहे प्रवासियों की जांच और 14 दिनों का क्वारंटाइन।
वहीं, केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने कहा कि उनसे कई धार्मिक नेताओं ने मंदिर, चर्च और मस्जिद खोलने की अनुमति देने के लिए कहा है। लेकिन इसके लिए कुछ और समय तक इंतजार करना होगा। इसी तरह, टेलीविजन और फिल्म निर्माण इकाइयों ने भी सरकार से फिर से काम शुरू करने की अनुमति मांगी है। उनका कहना है कि दो महीनों के लॉकडाउन की वजह से उद्योग पर बुरी तरह प्रभाव पड़ा है।
राजस्थान में लॉकडाउन केवल दो श्रेणियों 'कर्फ्यू और नॉन-कर्फ्यू' जोन में सिमट सकता है। एक अधिकारी ने कहा कि नॉन-कर्फ्यू जोन में लगभग सभी गतिविधियों की अनुमति होगी। इसके साथ लोगों की आवाजाही के घंटे भी पहले के मुकाबले दो घंटे बढ़कर अब सुबह छह बजे से रात आठ बजे तक किए जा सकते हैं। हालांकि, गुजरात सरकार कंटेनमेंट जोन में लॉकडाउन 4.0 वाले ही प्रतिबंध लागू रख सकती है।
वहीं, अतीत के विपरीत, जब तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने बुधवार को कहा कि वह अगले फेज के लॉकडाउन को लेकर केंद्र के फैसले का इंतजार करेंगे। अधिकारियों ने बताया कि मॉल की दुकानें बंद रखी जा सकती हैं। इसके अलावा, एक जून से फिल्मों और टेलीविजन क्षेत्रों की शूटिंग की अनुमति दी जाएगी। हालांकि, सिनेमा थिएटर, फंक्शन हॉल, पूजा स्थल और सार्वजनिक सभा के अन्य क्षेत्रों के लिए कोई अनुमति नहीं दी जाएगी।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गुरुवार को कहा कि राज्य में सभी स्कूल एक जुलाई से खुलेंगे। उत्तराखंड सरकार ने निर्देश जारी किया कि 15 जून के बाद स्कूलों को क्वारंटाइन सेंटर की तरह इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। कर्नाटक ने केंद्र सरकार से भी अनुमति मांगी है एक जुलाई से स्कूलों को फिर से खोला जाए। गुरुवार को शिक्षा मंत्री कंवर पाल ने कहा कि वे स्कूलों को खोलने के लिए केंद्र की अनुमति लेंगे। झारखंड और महाराष्ट्र ने भी कहा है कि सरकार एक जुलाई से स्कूलों में सीमित गतिविधियों की अनुमति देने की योजना बना रही है।
वहीं, ओडिशा में प्रवासी मजदूरों की वापसी के साथ ही कोरोना वायरस के मामलों में तेजी देखी गई है। ऐसे में राज्य में लॉकडाउन 4.0 के नियम आगे भी जारी रखे जा सकते हैं। राज्य सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि हमारे लिए किसी भी नई गतिविधियों की अनुमति देने की गुंजाइश सीमित है क्योंकि हम कम से कम एक पखवाड़े तक स्थिति को देखना और स्थिर करना चाहते हैं।
आंध्र प्रदेश, पंजाब और गुजरात जैसे कुछ राज्यों के अधिकारियों ने कहा है कि उन्हें लॉकडाउन 5.0 पर निर्णय लेना बाकी है। पंजाब के अतिरिक्त मुख्य सचिव, सतीश चंद्र ने कहा कि इस समय कुछ भी नहीं कहा जा सकता है क्योंकि अभी कुछ समय बाकी है। उन्होंने कहा कि राज्य ने पहले ही पूरे देश में केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा प्रतिबंधित गतिविधियों को छोड़कर सभी गतिविधियों की अनुमति दी है। देखना होगा कि 31 मई के बाद केंद्र द्वारा इनमें से किन गतिविधियों की अनुमति दी जाती है।