चीन की नापाक हरकतों पर क्यों नहीं बोलते राहुल?
नई दिल्ली। वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत-चीनी सैनिकों के बीच हुए खूनी संघर्ष को लेकर कांग्रेस लगातार राष्ट्रीय सुरक्षा मामले पर राजनीति कर रही है, जबकि चीन पर वह चुप्पी साधे हुए है। चीन के प्रति कांग्रेस का रवैया आखिर इतना नरम क्यों रहता है? 'गलवान घाटीÓ में व्यापे तनाव के मद्देनजर केंद्र सरकार लगातार इसे खत्म करने की कोशिशों में लगी हुई है लेकिन कांग्रेस नेता राहुल गांधी कठिन परिस्थिति में भी गैर जिम्मेदाराना बयान देकर सुरक्षागत मामलों में दखल दे रहे हैं।
कांग्रेस पार्टी के चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी के साथ गहरे संबंधों को लेकर बात कोई छिपी नहीं है। दोनों की परस्पर सहानुभूति के चलते कॉग्रेस ने हमेशा चीन के प्रति अपना उदार रवैया बनाए रखा है। यही कारण है कि चीन के चालबाज चरित्र पर उंगली उठाने के बजाए राहुल गांधी सरकार और भारतीय सेना में मीन-मेख निकाल रहे हैं।
मानमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए-1 सरकार के कार्यकाल में गांधी परिवार के सदस्य चीन की यात्रा पर गए थे। 7 अगस्त 2008 को सोनिया गाँधी की अगुवाई वाली कांग्रेस और चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी के बीच हुए एक समझौते में उच्च स्तरीय सूचनाओं और उनके बीच सहयोग करने को लेकर बीजिंग में एक समझौते पर हस्ताक्षर हुए थे। शायद आज वही समझौता आड़े आ रहा है जिसके कारण कांग्रेस चीन पर चुप्पी साधने को विवश है। समझौते की मेज पर राहुल गांधी और चीन के तत्कालीन नेता शी जिनपिंग मौजूद थे। इसी कड़ी में साल 2008 में सोनिया गाँधी अपने बेटे राहुल, बेटी प्रियंका, दामाद रॉबर्ट वाड्रा और दोनों के बच्चों को साथ लेकर ओलंपिक खेल देखने पहुँची थीं। इसके अलावा उन्होंने और राहुल गाँधी ने चीन में कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व भी किया था।
राहुल गाँधी और चीन के संबंध
कांग्रेस नेता राहुल गांधी के चीन के साथ संबंधों को लेकर अक्सर चर्चा होती रहती है। डोकलाम विवाद पर भी उनके संबंध उजागर हुए थे। जब उन्होंने चीन के साथ एक नहीं दो बार गुप्त बैठकें की थी। पहली बैठक 2017 में हुई थी, जब उन्होंने चीनी राजदूत लुओ झाओहुई के साथ उस समय बैठक की थी, जब भारत और चीन के बीच डोकलाम विवाद छिड़ा था। लेकिन, जब चीन की एंबेसी ने खुद इसका खुलासा किया, तो कांग्रेस को इस मुद्दे पर काफी जिल्लत झेलनी पड़ी थी। तब राहुल गाँधी, चीन के साथ चल रहे सैन्य गतिरोध पर अपने रुख पर कायम रहते हुए भारत सरकार पर तीखे हमले कर रहे थे। इसी तरह कैलाश मानसरोवर मामले पर चीन के नेताओं के साथ गुप्त बैठक का खुलासा तो खुद राहुल गाँधी ने ही कर दिया था। भारतीय सेना पर आक्रामक रवैया रखने के कारण पार्टी नेता अधीर रंजन चैधरी ने चीन को लेकर लोकसभा में अपना गुस्सा जाहिर किया था। बाद में उन्होंने अपना ट्वीट रद्द कर दिया था।