DSP Rape Case: डीएसपी विनोद मिंज पर दुष्कर्म का आरोप, शादी का झांसा देकर बनाए शारीरिक संबंध

DSP Rape Case
Rape Case Registered against DSP Vinod Minj in Durg : दुर्ग। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसने पूरे पुलिस महकमे को हिलाकर रख दिया है। अजाक थाने में तैनात डीएसपी (उप पुलिस अधीक्षक) विनोद मिंज पर एक 21 साल की युवती ने दुष्कर्म का सनसनीखेज आरोप लगाया है। पीड़िता का दावा है कि डीएसपी ने शादी का झूठा वादा करके उसका लंबे समय तक शारीरिक शोषण किया। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए पद्मनाभपुर थाना पुलिस ने 26 मार्च 2025 को डीएसपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की और जांच शुरू कर दी है।
युवती ने अपनी आपबीती सुनाते हुए बताया कि उसकी मुलाकात विनोद मिंज से साल 2024 में हुई थी। शुरुआत में यह मुलाकात सामान्य थी, लेकिन धीरे-धीरे दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ीं। डीएसपी ने उसे शादी का सपना दिखाया और इस भरोसे में युवती ने उन पर विश्वास कर लिया। पीड़िता का आरोप है कि शादी का झांसा देकर डीएसपी ने कई बार उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए। लेकिन जब शादी की बात आगे बढ़ी, तो सच्चाई का एक काला चेहरा सामने आया।
युवती को पता चला कि विनोद मिंज पहले से शादीशुदा हैं और उनके दो बच्चे भी हैं। यह बात डीएसपी ने उससे छिपाई थी। जब उसने शादी के लिए दबाव डाला, तो डीएसपी का व्यवहार बदल गया। उसका कहना है कि मिंज ने न सिर्फ शादी से इनकार किया, बल्कि उसके साथ गाली-गलौच और मारपीट भी की। इतना ही नहीं, डीएसपी ने उसे जान से मारने की धमकी तक दी। डर और अपमान से भरी इस स्थिति के बाद युवती ने हिम्मत जुटाई और पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई।
पद्मनाभपुर थाना पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए डीएसपी विनोद मिंज के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 115(2), 296, 351(3), और 69 के तहत अपराध दर्ज किया है। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और इस मामले की तह तक जाने की कोशिश की जा रही है। सूत्रों के मुताबिक, जांच के बाद डीएसपी की गिरफ्तारी भी संभव है।
पुलिस विभाग में हड़कंप और जनता में आक्रोश
इस घटना ने छत्तीसगढ़ पुलिस विभाग में भूचाल ला दिया है। एक वरिष्ठ अधिकारी पर इस तरह के गंभीर आरोपों ने न सिर्फ विभाग की साख पर सवाल उठाए हैं, बल्कि आम लोगों में भी गुस्सा पैदा कर दिया है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच में पारदर्शिता और निष्पक्षता का वादा किया है। लेकिन यह सवाल बना हुआ है कि क्या सचमुच न्याय मिलेगा या यह मामला भी फाइलों में दबकर रह जाएगा।
इस घटना ने समाज में एक बड़ी बहस छेड़ दी है। लोगों का कहना है कि जब कानून के रक्षक ही भक्षक बन जाएंगे, तो आम जनता भरोसा किस पर करे? डीएसपी जैसे उच्च पद पर बैठा अधिकारी अगर इस तरह के कृत्य में लिप्त होगा, तो यह पुलिस की कार्यप्रणाली और नैतिकता पर बड़ा प्रश्नचिह्न है।