अडानी समूह ने खोली हिंडनबर्ग के दावों की पोल, बताया- क्या है नकली रिपोर्ट का असली मकसद ?

अडानी समूह ने खोली हिंडनबर्ग के दावों की पोल, बताया- क्या है नकली रिपोर्ट का असली मकसद ?
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अडाणी के जवाब में हिंडनबर्ग का पलटवार, समूह की कंपनियों के शेयरों में गिरावट जारी

नईदिल्ली। अडाणी समूह के बारे में अमेरिकी वित्तीय रिसर्च कंपनी हिंडनबर्ग की शोध रिपोर्ट के बाद शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव जारी है। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के असर से अडाणी समूह के शेयर 20 फीसदी तक टूटे हैं। अडाणी समूह ने इस रिपोर्ट के बाद 413 पन्नों में अपनी प्रतिक्रिया दी। जिसमें बताया कि हिंडनबर्ग समूह की पूरी रिपोर्ट झूठी और फर्जी है। समूह ने कहा की इस रिपोर्ट का असली मकसद भारतीय कंपनियों के वैश्विक बाजार में बढ़ते वर्चस्व को कम कर अमेरिकी कंपनियों के लिए रास्ता खोलना है।

बता दें की हिडनबर्ग रिसर्च ने 24 जनवरी को106 पन्नों की एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिसमें अडाणी समूह में कई गंभीर अनियमितताओं के दावे किए गए थे।हिंडनबर्ग ने इसमें अडाणी ग्रुप पर धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे बड़े आरोप लगाए गए थे। इस रिपोर्ट के बाद गौतम अडाणी की नेटवर्थ 10% कम हो गई। वह फ़ोर्ब्स की अमीरों की सूची में चौथे नंबर से खिसककर सातवें स्थान पर आ गए।

हिडनबर्ग को अडानी समूह को दिए जवाब को समझिए -

भारत के खिलाफ षड्यंत्र -

अडानी समूह ने अपने जवाब में इस रिपोर्ट को बेबुनियाद बताया। साथ ही इसे भारत के खिलाफ एक सोची समझी साजिश करार दिया। समूह ने कहा कि यह भारतीय संस्थानों की आजादी, अखंडता और गुणवत्ता पर किया गया हमला है। यह भारत के विकास की कहानी और उम्मीदों पर हमला है।

अधूरे तथ्यों को दिखाया -

अडाणी समूह ने कहा की ये रिपोर्ट अधूरे तथ्यों के साथ तैयार की गई है। जिसका सच्चाई से दूर -दूर तक कोई वास्ता नहीं है। ये रिपोर्ट सिर्फ बदनाम करने की मंशा से बनाई गई है। जिसका उद्देश्य झूठे आरोप लगाकर सिक्योरिटीज के मार्केट में जगह बनाना है।

हिंडनबर्ग की बदनीयत का सबूत है रिपोर्ट -

अडाणी समूह ने हिंडनबर्ग की नियत और विश्वनीयता पर भी रिपोर्ट में सवाल खड़े किए है. समूह ने कहा की जल्द ही अडानी समूह का IPO लॉन्च होने वाला है, जो कि देश का सबसे बड़ा IPO होगा, उससे ठीक पहले ऐसी रिपोर्ट पेश करना हिंडनबर्ग की नियत पर सवाल खड़े करता है।

स्वाहित के लिए की तैयार -

अडानी समूह ने कहा की ये रिपोर्ट जनता के हिट के लिए नहीं बल्कि निजी सस्वार्थ के लिए बनाई गई है। ये रिपोर्ट ना तो स्वतंत्र है, ना निष्पक्ष न ही सही तरह से रिसर्च करके तैयार की गई है।

हिंडनबर्ग ने किया पलटवार -

हिंडनबर्ग ने इसके बाद फिर पलटवार किया है।इसके बाद आज हिंडनबर्ग ने अपने आरोपों पर कायम रहते हुए कहा कि अडाणी समूह धोखाधड़ी को राष्ट्रवाद से ढंक नहीं सकता। हिंडनबर्ग ने कहा - "धोखाधड़ी पर इस तरह के जवाब या राष्ट्रवाद का पर्दा नहीं डाला जा सकता है। अडाणी ग्रुप हमारी रिपोर्ट को भारत पर सोचा-समझा हमला बता रहा है। अडाणी ग्रुप अपने और अपने चेयरमैन की बढ़ती हुई आय को भारत के विकास के साथ जोड़ने की कोशिश कर रहा है। हम इससे सहमत नहीं हैं।

हम मानते हैं कि भारतीय लोकतंत्र भिन्नताओं को समेटे हुए है। भारत एक उभरती हुई सुपर पावर है, जिसका शानदार भविष्य है। हम यह मानते हैं कि भारत के भविष्य को अडाणी ग्रुप ने पीछे खींच रखा है। जो खुद को देश के झंडे में लपेट कर लूट मचा रहा है। हम मानते हैं कि धोखा... धोखा ही होता है। भले ही यह दुनिया के सबसे ज्यादा अमीरों में शामिल किसी शख्स ने ही क्यों न किया हो। हमने 88 सवाल अपनी रिपोर्ट में पूछे थे और अडाणी ग्रुप इनमें से 62 सवालों के सही तरह से नहीं दिए हैं। इसने हमारी रिसर्च को दरकिनार करने की कोशिश की है।"


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