लॉकडालन के बाद अब धीरे धीरे अर्थव्यवस्था के पटरी पर लौटने के शुभ संकेत, पढ़े पूरी खबर

लॉकडालन के बाद अब धीरे धीरे अर्थव्यवस्था के पटरी पर लौटने के शुभ संकेत, पढ़े पूरी खबर
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नई दिल्ली। मोदी सरकार और आम आदमी की मुश्किलें अब कम होने लगी हैं। लॉकडालन के बाद अब धीरे धीरे अर्थव्यवस्था के पटरी पर लौटने के साथ ही राजस्व संग्रह भी बढ़ने लगा है। इस वर्ष अक्टूबर में जीएसटी संग्रह 1.05 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया जो पिछले वर्ष के इसी महीने में संग्रहित राजस्व की तुलना में 10 फीसदी अधिक है। वहीं वाहनों की बिक्री बढ़ने से यह संकेत साफ है कि लोग वित्तीय संकट से उबरने लगे हैं। अक्तूबर में बिजली खपत में दहाई अंक की वृद्धि दर्ज की गई है। यह देश में वाणज्यि और उद्योग की मांग बढ़ने का संकेत है। सितंबर में विनिर्माण और सेवा पीएमआई सुधरकर क्रमश: 56.8 और 49.8 पर पहुंच गए हैं।

वित्त मंत्रालय ने बताया कि 31 अक्तूबर, 2020 तक दाखिल किए गए कुल जीएसटीआर-3बी रिटर्न की संख्या 80 लाख पर पहुंच गई है। जारी बयान में कहा गया कि अक्तूबर, 2020 में कुल जीएसटी संग्रह 1,05,155 करोड़ रुपये रहा। इसमें सीजीएसटी का हिस्सा 19,193 करोड़ रुपये, एसजीएसटी का 5,411 करोड़ रुपये, आईजीएसटी का 52,540 करोड़ रुपये (इसमें वस्तुओं के आयात पर 23,375 करोड़ रुपये का संग्रह भी शामिल है) और 8,011 करोड़ रुपये का उपकर (932 करोड़ रुपये आयातित वस्तुओं पर) शामिल है। अक्तूबर, 2019 में जीएसटी संग्रह 95,379 करोड़ रुपये रहा था। कोविड-19 महामारी के प्रसार को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन की वजह से जीएसटी संग्रह का आंकड़ा लगातार कई माह तक एक लाख करोड़ रुपये के स्तर से नीचे रहा था।

कोरोना संकट से उबरकर त्योहारी सीजन में वाहनों की बिक्री ने फिर से रफ्तार पकड़ ली है। मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई), हुंदै और टाटा मोटर्स जैसे कंपनियों की बिक्री इस साल नवरात्रि में पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में बेहतर रही है। इन कंपनियों का कहना है कि इस साल नवरात्रि के दौरान पिछले कुछ माह की दबी मांग के चलते उनकी बिक्री में उछाल आया है।

नवरात्रि की दस दिन (दशहरा सहित) की अवधि के दौरान किया मोटर्स, टोयोटा किर्लोस्कर मोटर, महिंद्रा एंड महिंद्रा तथा होंडा कार्स की बिक्री भी अच्छी रही है। देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति की बिक्री नवरात्रि में 27 प्रतिशत बढ़कर 96,700 इकाई पर पहुंच गई। नवरात्रि में हुंदै मोटर इंडिया की खुदरा बिक्री 28 प्रतिशत बढ़कर 26,068 इकाई पर पहुंच गई। वहीं टाटा मोटर्स ने 6,641 यूटिलिटी वाहन और 4,246 कारें बेचीं। पिछले साल इस अवधि में कंपनी ने 3,321 कारें और 2,404 यूनिटलिटी वाहन बेचे थे।

देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) की बिक्री अक्तूबर में 18.9 प्रतिशत बढ़कर 1,82,448 इकाई पर पहुंच गई। किया मोटर्स की बिक्री 224 प्रतिशत बढ़कर 11,640 इकाई पर पहुंच गई। वहीं टोयोटा किर्लोस्कर मोटर्स की बिक्री में भी उछाल आया। टोयोटा किर्लोस्कर मोटर्स की बिक्री करीब 5,000 इकाई की रही है, जो पिछले साल की समान अवधि से करीब 13 प्रतिशत अधिक है। महिंद्रा एंड महिंद्रा की साल नवरात्रि पर एसयूवी श्रेणी में हमारी बुकिंग 41 प्रतिशत बढ़ी है। होंडा कार्स इंडिया की खुदरा बिक्री में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। एमजी मोटर इंडिया की खुदरा बिक्री अक्तूबर में छह प्रतिशत बढ़कर 3,750 इकाई पर पहुंच गई।

देश में पेट्रोल और डीजल की मांग कोविड से पहले के स्तर पर पहुंच गई है और अक्टूबर में इन उत्पादों की बिक्री 6.6 प्रतिशत का इजाफा हुआ। उद्योग के शुरुआती आंकड़ों के अनुसार कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिए मार्च के अंत में लॉकडाउन लगाए जाने के बाद से यह डीजल की बिक्री में पहली वार्षिक बढ़ोतरी है। इसी तरह सार्वजनिक परिवहन की जगह निजी गाड़ियों के इस्तेमाल को तरजीह देने के चलते पेट्रोल की मांग डीजल की अपेक्षा अधिक रही, लेकिन अक्टूबर के बिक्री आंकड़े अप्रत्याशित रूप से उम्मीद से बेहतर हैं। उद्योग के आंकड़ों के मुताबिक त्योहारी मौसम के शुरू होते ही डीजल की मांग सामान्य स्तर पर आ गई। आंकड़ों के मुताबिक अक्टूबर में डीजल की बिक्री बढ़कर 61.7 लाख टन हो गई, जो एक साल पहले अक्टूबर में 57.9 लाख टन थी।

देश में बिजली की खपत इस साल अक्टूबर में 13.38 प्रतिशत बढ़कर करीबी 111 अरब यूनिट हो गई। इसकी बड़ी वजह औद्योगिक एवं वाणिज्यिक गतिविधियों की ओर से बिजली की मांग बढ़ना है। बिजली मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, अक्तूबर में देश की बिजली खपत 110.94 अरब यूनिट रही। पिछले साल अक्तूबर में यह आंकड़ा 97.84 अरब यूनिट था। पिछले महीने में शुरू के 15 दिन में बिजली की खपत 11.45 प्रतिशत बढ़कर 55.37 अरब यूनिट थी। अक्टूबर 2019 की इसी अवधि में देश की बिजली खपत 49.67 अरब यूनिट थी। विशेषज्ञों ने कहा कि अक्तूबर में बिजली खपत में दहाई अंक की वृद्धि दर्ज की गई है। यह देश में वाणज्यि और उद्योग की मांग बढ़ने का संकेत है। आने वाले महीनों में यह स्थिति और बेहतर होगी। आंकड़ों के मुताबिक छह महीने के अंतराल के बाद बिजली क्षेत्र की मांग में सितंबर में सुधार दिखना शुरू हुआ। सितंबर में बिजली खपत 4.6 प्रतिशत बढ़कर 112.43 अरब यूनिट पर पहुंच गयी जो पिछले साल इसी माह में 107.51 अरब यूनिट थी।

उद्योग मंडल फिक्की ने कहा है कि कोविड-19 से निपटने की भारत की रणनीति सही साबित हुई है और अर्थव्यवस्था जल्द पटरी पर लौटेगी और मजबूत होकर उभरेगी। फिक्की की अध्यक्ष संगीता रेड्डी ने कहा कि अब कड़े कदम उठाने और वृद्धि के एजेंडा को आगे बढ़ाने का समय आ गया है। रेड्डी ने कहा, ''दुनियाभर की सरकारों में जीवन और आजीविका के संरक्षण के बीच संतुलन बैठाने को लेकर असमंजस रहा। भारत ने सख्त लॉकडाउन लगाया और स्वास्थ्य ढांचे को आगे बढ़ाते हुए मानव जीवन को बचाने पर ध्यान केंद्रित किया। इस रणनीति के सही नतीजे सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि बेहतर इलाज, चिकित्सा ढांचे के सृजन, पीपीई की आपूर्ति बढ़ाने पर ध्यान दिया गया। इससे हमारे यहां मृत्यु दर को नियंत्रित किया जा सका।

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