कोरोना संकट के बीच बैंकिंग फ्रॉड की घटना में 159 फीसदी का उछाल
नई दिल्ली। कोरोना संकट के बीच जिंदगी को आसान बनाने में ऑनलाइन की बड़ी भूमिका रही है। हालांकि साइबर धोखाधड़ी के मामले कई गुना बढ़ गए हैं। अब साइबर ठगों ने वर्ल्ड बैंक का डेबिट-क्रेडिट कार्ड दिलाने के नाम पर फर्जीवाड़ा करना शुरू कर दिया है। अगर आपके पास भी वर्ल्ड बैंक का डेबिट/क्रेडिट कार्ड बनवाने के लिए कॉल, एसएमएस या ई-मेल आए हैं तो सावधान हो जाएं। क्योंकि वर्ल्ड बैंक इस तरह का कोई कार्ड जारी नहीं करता है। वर्ल्ड बैंक ने खुद इस संबंध में चेतावनी जारी की है।
वर्ल्ड बैंक ने लोगों को आगाह करते हुए चेतावनी दी कि उसके नाम और लोगो वाले फर्जी डेबिट और क्रेडिट कार्ड से सावधान रहें। वर्ल्ड बैंक ने यह चेतावनी ऐसे कुछ मामले सामने आने के बाद जारी की है। वर्ल्ड बैंक ने कहा कि वह डेबिट या क्रेडिट कार्ड जारी नहीं करता है। हमारा इस तरह के फर्जी कार्ड जारी करने वाले किसी व्यक्ति या समूह से कोई संबंध नहीं है। इसलिए हम आम जनता को आगह करते हैं कि वह इन धोखेबाजों से दूर रहे।
साइबर कानून विशेषज्ञ पवन दुग्गल कहते हैं कि साइबर सुरक्षा को जीवन जीने की शैली के रूप में अपनाना पड़ेगा। आज के डिजिटल जीवन में साबइर सुरक्षा ही एकमात्र रोशनी की किरण है जो हमारी मेहनत की कमाई को सुरक्षित रखने में मदद कर सकता है। वरना, कोरोना के बाद साइबर फर्जीवाड़े का स्वर्ण युग शुरू हो गया है। जिस तेजी से साबइर क्राइम और घटनाएं बढ़ रही हैं। ऐसे में कोई संदेह नहीं है कि लोगों को मेहनत की कमाई पर डाका पड़ने वाला है। हमें जागरूक होना होगा कि यह दौर बदल रहा है।
इन बातों का जरूर रखें ख्याल
>> अपने मोबाइल, कंप्यूटर या लैपटॉप में एक अच्छा एंटीवायरस जरूर डालें
>> फायरवॉल कंप्यूटर सिस्टम का इस्तेमाल जरूर करें
>> वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) का इस्तेमाल करें
>> इंटरनेट बैंकिंग में एसएमएस अलर्ट जरूर कराएं
>> क्रेडिट/डेबिट कार्ड की लिमिट हमेशा कम से कम रखें
>> ऑनलाइन भुगतान सिर्फ सुरक्षित प्लेटफॉर्म पर ही करें
>> साइबर फर्जीवाड़े होने पर https://cybercrime.gov.in/ पर शिकायत जरूर दर्ज कराएं
साइबर विशेषज्ञों का कहना है कि साइबर अपराध की बढ़ती घटना को देखते हुए सरकार को गांव से लेकर शहर तक जागरुकता अभियान चलाने की जरूरत है। अब इंटरनेट की पहुंच शहरों तक सीमित नहीं है। गांव-गांव तक लोग स्मार्टफोन से खरीदारी से लेकर बैंकिंग कर रहे हैं। ऐसे में साइबर ठगों से बचने के लिए जरूरी है कि सरकार टीवी, रेडियो, अखबार और ऑनलाइन के माध्यम से लोगों को इससे बचने के लिए अवगत कराए।