लोन के लिए बैंक में जाएं एप पर नहीं, क्यूँकि आपके साथ भी हो सकती है ठगी
नई दिल्ली। कोरोना काल में लोन लेने वालों की तादाद बढ़ गई है। लोन के लिए आवेदन करने वालों में कुछ ऑनलाइन भी आवेदन कर रहे हैं और इसके लिए वह विभिन्न एप का सहारा ले रहे हैं, जो उन्हें सस्ती ब्याज दरों पर लोन उपलब्ध कराने का झांसा देते हैं। इनके झांसे में आकर ठगे जाने वाले लोगों की संख्या बढ़ रही है। उत्तर प्रदेश पुलिस के साइबर एक्सपर्ट ने बताया कि इस तरह से होने वाली ठगी से लोगों को बचाने के लिए पुलिस ने अलर्ट भी जारी किया है।
उन्होंने कहा है कि लोन के लिए बैंक में जाएं एप पर नहीं। अज्ञात एप्लिकेशन को अनुमति ना दें। उन्होंने कहा कि आवेदन के लिए दिए जाने वाले दस्तावेजों का ही फायदा यह साइबर ठग उठा रहे हैं और वह इन कागजों पर क्रेडिट कार्ड इश्यू करा लेते हैं तो कभी उनके दस्तावेजों पर स्वंय ही बैंक से लोन ले लेते हैं अथवा अन्य कार्यों में उनके कागजों का दुरूपयोग कर रहे हैं जिसके मामले लगातार आ रहे हैं।
पुलिस अधिकारियों की मानें तो कॉल सेंटरों से लोन के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा हो रहा है और इसके माध्यम से हर साल लोगों से अरबों की ठगी की जा रही है। इसके लिए बड़ी संख्या में नोएडा-गाजियाबाद में ही फर्जी कॉल सेंटर खोले गये हैं। जिनका नेटवर्क काफी बड़ा है। चूंकी यह रकम छोटे अमाउंट में ली जाती है, लिहाजा अधिकांश लोग पुलिस थाने के चक्कर लगाने से बचते हैं। इनमें से अधिकांश से लोन दिलाने के नाम पर फाइल चार्ज के रूप् में लेते हैं। इनकी ठगी का शिकार हुए लोग देश के विभिन्न हिस्सों के होते हैं और जब तक उन्हें अपने साथ हुई ठगी का एहसास होता है, तब तक वह सेंटर बंद हो चुका होता है और मौके पर कुछ नहीं होता, जिसके चलते ऐसे मामलों में अधिकांशत: पीड़ित शिकायत भी दर्ज नहीं कराते हैं, जिसका लाभ इन साइबर ठगों को मिल रहा है।
नोएडा के मामूरा में रहने वाले रितेश रेडिमेड गारमेंटस की कंपनी में सुपरवाइजर हैं। उन्होंने बैंक में ऑनलाइन लोन लेने के लिए एप के से आवेदन किया था और पांच लाख का लोन मांगा था। आवेदन करने के बाद उनके पास बैंक अधिकारी बनकर कुछ लोगों ने फोन किया और कभी फाइल चार्ज के नाम पर तो कभी कमीशन के नाम पर उनसे 35 हजार ठग लिए और उसके बाद कभी उनका फोन नहीं उठाया। जिसके बाद जब वह बैंक में पहुंचे तो पता चला कि उनके नाम पर लोन की कोई फाइल ही नहीं है। जिसकी शिकायत उन्होंने तीन माह पहले साइबर थाने में और ऑनलाइन की।
सेक्टर 27 में रहने वाले निकुंज बंसल ने भी दो साल पहले बैंक से तीन लाख का लोन लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था और उनके पास फोन आने लगे और वह सभी कागज मेल आईडी पर भेजते रहे और एप पर डालते रहे। लेकिन उनका लोन नहीं हो सका । इसके बाद तीन माह पहले उनके पास बैंक से नोटिस पहुंचा तो उन्हें पता चला कि उनके नाम और कागजों पर फर्जी फोटो लगाकर कुछ लोगों ने 12 लाख का लोन ले लिया था और बैंक उन पर किश्त जमा करने का दबाव बना रहा है। जिसकी शिकायत उन्होंने बैंक के अधिकारियों और साइबर थाने से की है तथा एप पर भी दर्ज कराई है।
सेक्टर 50 में रहने वाली अर्चना शिक्षिका हैं और उन्होंने छह माह पहले लोन के लिए ऑनलाइन आवेदन किया और सारे कागज एप से भेज दिए, लेकिन लोन स्वीकृत नहीं हुआ। जिसके बाद वह भूल गईं। लेकिन तीन माह बाद घर पर बैंक का नोटिस पहुंचा कि उन पर क्रेडिट कार्ड का 2 लाख 45 हजार बकाया है, जबकि उन्होंने क्रेडिट कार्ड लिया ही नहीं था। जब उन्होंने बैंक पहुंच जानकारी ली तो पता चला कि जो कागजात लोन के लिए दिए थे, उन्हीं कागजों पर ठगों ने कार्ड इश्यू करा लिया था और उसका उपयोग ठगों ने ही किया। इसकी शिकायत उन्होंने बैंक के अधिकारियों और पुलिस से भी की है।