जीएसटी काउंसिल ने टैक्‍स रेट घटाया, करदातों की संख्‍या 124 करोड़ : वित्‍त मंत्रालय

जीएसटी काउंसिल ने टैक्‍स रेट घटाया, करदातों की संख्‍या 124 करोड़ : वित्‍त मंत्रालय
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नई दिल्‍ली। केंद्र सरकार ने पूर्व वित्‍त मंत्री अरुण जेटली की पहली पुण्यतिथि पर कारोबारियों को बड़ी राहत दी है। वित्त मंत्रालय ने कारोबारियों को राहत देते हुए 40 लाख रुपये सालाना टर्नओवर तक वाले कारोबार को जीएसटी से मुक्त कर दिया है। वित्‍त मंत्रालय ने सोमवार को ट्वीट करके इसकी जानकारी दी।

वित्‍त मंत्रालय ने जीएसटी से कारोबार जगत को हुए फायदे को लेकर जारी सिलसिलेवार ट्वीट में अपनी उपलब्धियां भी गिनाई है। मंत्रालय ने 1.5 करोड़ रुपये तक के सालाना टर्नओवर वाले कारोबार को कम्पोजिट स्कीम का चुनाव कर सिर्फ 1 फीसदी टैक्स देने का विकल्प दिया है। इससे पहले 75 लाख रुपये तक की सालाना आय वाले कारोबारी ही कम्पोजिशन स्कीम को चुन सकते थे।

बता दें कि वित्‍त मंत्रालय ने ट्वीट में कहा है कि जीएसटी को लागू होने के के बाद से अधिकांश चीजों पर लगने वाले टैक्स रेट में कमी की गई है। मंत्रालय ने अपने ट्वीट में कहा है कि अब 28 फीसदी के टैक्स स्लैब के तहत केवल विलासिता से जुड़ी चीजें एवं अहितकर सामान ही रह गए हैं। इस टैक्स स्लैब के तहत 230 वस्तुएं थी, लेकिन लगभग 200 वस्तुओं को कम टैक्स वाले स्लैब में शिफ्ट कर दिया गया है।

गौरतलब है कि अरुण जेटली के वित्त मंत्री रहने के दौरान ही जनवरी, 2019 में माल एवं सेवाकर (जीएसटी) काउंसिल ने छोटे कारोबारियों को बड़ा तोहफा दिया था। अब 40 लाख रुपये तक के सालाना टर्नओवर वाली कंपनियों को जीएसटी रजिस्ट्रेशन से मुक्ति दे दी गई है। पहले ये सीमा 20 लाख रुपये की थी।

इसी तरह निर्माण क्षेत्र, खासकर हाउसिंग सेक्टर को भी कई राहत दी है। इस सेक्टर के लिए अब जीएसटी रेट सिर्फ 5 फीसदी है। इतना ही नहीं अफोर्डेबल हा​उसिंग के लिए जीएसटी को सिर्फ एक फीसदी कर दिया गया है। वित्त मंत्रालय ने कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद टैक्सपेयर बेस दोगुना हो गया है।

उल्‍लेखनीय है कि शुरुआत में जीएसटी के तहत आने वाले कारोबारी करीब 65 लाख थे, जिसकी संख्या बढ़कर 1.24 करोड़ तक पहुंच गई है। वहीं, जीएसटी से जुड़ी सारी प्रक्रिया पूरी तरह ऑटोमैटेड हो गई है। इसके अलावा अभी तक 50 करोड़ रिटर्न ऑनलाइन फाइल किए जा चुके हैं और 131 करोड़ ई-बिल जेनरेट हुए हैं।

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