भारत ने गेहूं के बाद चावल के निर्यात पर लगाया प्रतिबंध, कई देशों की बढ़ी टेंशन
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नईदिल्ली। केंद्र सरकार ने टूटे चावल के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। सरकार ने देश में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ये फैसला किया है। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। विदेश व्यापार महानिदेशालय की अधिसूचना में बताया गया है कि ब्रोकन राइस यानी टूटे चावल के निर्यात पर प्रतिबंध तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। इससे पहले घरेलू आपूर्ति बढ़ाने के लिए सरकार ने उसना चावल को छोड़कर गैर-बासमती चावल पर 20 फीसदी निर्यात शुल्क लागू करने का आदेश जारी किया था, जो 9 सितंबर से लागू हो गया है। इससे पहले सरकार ने भीषण गर्मी के कारण कम उत्पादन के मद्देनजर गेहूं के निर्यात पर रोक लगा दी थी।
दरअसल सरकार ने यह कदम चालू खरीफ सत्र में धान की फसल का रकबा घटने एवं उत्पादन अनुमान से कम होने के आसार के बीच लगाया है। हालांकि, सरकार के पास चावल का पर्याप्त बफर स्टॉक है, लेकिन भीषण गर्मी के कारण गेहूं की फसल के नुकसान की वजह से इसकी कम सरकारी खरीद ने चावल पर बोझ बढ़ा दिया है। संयुक्त राज्य खाद्य प्रशासन के मुताबिक भारत चावल का सबसे बड़ा निर्यातक है। इसके साथ ही भारत दुनिया भर में चावल की कुल मांग की 40 फीसदी आपूर्ति करता है।