अमेजन पर बिक रहा है गांजा, कैट ने सख्त कार्रवाई की मांग की

अमेजन पर बिक रहा है गांजा,  कैट ने सख्त कार्रवाई की मांग की
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नईदिल्ली। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने सोमवार को सरकार से मारिजुआना की कथित बिक्री जारी रहने पर दिग्गज ई-कामर्स कंपनी अमेजन के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। कैट ने मध्य प्रदेश के भिंड पुलिस द्वारा 20 किलोग्राम से अधिक मारिजुआना बेचने, पुलवामा आतंकी हमले के लिए बम बनाने में इस्तेमाल किए गए प्रतिबंधित रसायनों की बिक्री और अब आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम पुलिस द्वारा अमेजन के ई-पोर्टल पर अवैध तरीके से बेचे जा रहे 48 किलोग्राम मारिजुआना (गांजा) की बरामदगी के बाद सरकार से यह मांग की है। कैट ने इस मामले में विशाखापत्तनम पुलिस से एनडीपीएस अधिनियम की धारा-38 के तहत मामला दर्ज करने की मांग की है, जैसा कि भिंड पुलिस ने किया था।

कारोबारी संगठन ने बताया कि 20 नवंबर को विशाखापत्तनम पुलिस ने मारिजुआना बरामद करने के बाद एनडीपीएस अधिनियम 1985 के तहत प्राथमिकी दर्ज की है। जानकारी के मुताबिक विशाखापत्तनम पुलिस ने ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन के दो कार्मिकों को इस मामले में भी गिरफ्तार किया है। इससे पहले एमपी पुलिस ने अमेजन और उसके सहयोगियों से 17 किलोग्राम मारिजुआना बरामद किया है। इस मामल में मध्य प्रदेश के मेहगांव पुलिस स्टेशन में एनडीपीएस अधिनियम-1985 के तहत प्राथमिकी दर्ज करने के बाद एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है।

कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने अमेजन को 'गांजा बेचने वाली कंपनी' करार देते हुए सरकार से तत्काल सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। खंडेलवाल ने कहा कि अमेजन पर मारिजुआना की लगातार की जा रही अवैध बिक्री को ध्यान में रखते हुए सरकार को भारत में अमेजन के संचालन को निलंबित कर देना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि अमेजन के अधिकारियों को गिरफ्तार करने के साथ उनके खिलाफ देशद्रोह का मामला भी दर्ज करना चाहिए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है। इसके साथ ही उन्होंने वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से भी तत्काल ई-कॉमर्स नियम और एफडीआई नीति के प्रेस नोट नंबर-2 की जगह नया प्रेस नोट जारी करने का आग्रह किया है, ताकि भारत में विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों के आचरण को विनियमित किया जा सके। कैट महामंत्री ने सरकार से अमेजन सहित बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों के व्यापार मॉडल की गहन जांच करने का आग्रह भी किया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ई-कॉमर्स पोर्टल पर प्रतिबंधित वस्तुओं या राष्ट्र विरोधी गतिविधियों की कोई बिक्री अथवा संचालन नहीं हो।

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