डिजिटल करेंसी ने पहले दिन किया बंपर कारोबार, आरबीआई गवर्नर भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बताया 'लैंडमार्क'

डिजिटल करेंसी ने पहले दिन किया बंपर कारोबार, आरबीआई गवर्नर भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बताया लैंडमार्क
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मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक की डिजिटल करेंसी को पहले दिन अच्छी शुरुआत मिली है। पहले दिन सरकारी बॉन्ड से जुड़े 48 ट्रॉन्जेक्शन किए हैं, उनकी वैल्यू करीब 275 करोड़ रुपये है।गवर्नर शक्तिकांत दास ने डिजिटल रुपये की लांचिंग को 'भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा लैंडमार्क' बताया है। उन्होंने कहा कि हमने केंद्रीय बैंक की डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) का ट्रायल कल ही शुरू किया है। डिजिटल रुपये की शुरुआत देश के लिए एक ऐतिहासिक पल है। यह व्यापार करने के तरीके को बदल देगा। शक्तिकांत दास ने कहा कि खुदरा खंड का परीक्षण इस महीने के अंत में शुरू किया जाएगा।

आरबीआई गवर्नर ने बुधवार को यहां बैंकरों के वार्षिक एफआईबीएसी सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भारत ने दुनिया के लिए मजबूत और आशावादी तस्वीर पेश की है। हमने ब्याज दरों को कम रखकर अर्थव्यवस्था को पूरी तरह से प्रभावित होने से रोका और समय से पहले सख्त कदम उठाने से दूर रहे। उन्होंने कहा कि समय से पहले सख्त कदम उठाने से अर्थव्यवस्था और नागरिकों को भारी कीमत चुकानी पड़ती।उन्होंने कहा कि ब्याज दर तय करने वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक गुरुवार को होगी। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि डिजिटल करेंसी एक ऐसी चीज है, जहां हमें बहुत सावधानी से आगे बढ़ना है। कल हमने सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) परियोजना का परीक्षण शुरू किया, जहां तक पूरी अर्थव्यवस्था के कामकाज का संबंध है, तो यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि होगी। रिजर्व बैंक दुनिया के उन गिने-चुने केंद्रीय बैंकों में शामिल है, जिन्होंने यह पहल की है।

1 नवंबर को हुई लांच -

उल्लेखनीय है कि आरबीआई ने देश की पहली डिजिटल करेंसी को पायलट प्रोजेक्ट के तहत विशिष्ट उपयोग थोक लेन-देन के लिए मंगलवार को लॉन्च किया था। पहले ही दिन डिजिटल रुपये के साथ कुल 275 करोड़ रुपये के 48 सौदे का कारोबार हुआ। रिजर्व बैंक ने चुनिंदा बैंकों को सरकारी प्रतिभूतियों में द्वितीयक-बाजार लेनदेन के लिए इसका उपयोग करने की अनुमति दी है।


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