कोरोना महामारी में RBI ने की 1 लाख करोड़ की मदद
नई दिल्ली। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि कोरोना वायरस महामारी संकट को देखते हुए आरबीआई ने कई फैसले किए हैं। रिजर्व बैंक ने रिवर्स रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती की है। रिवर्स रेपो रेट को 4 पर्सेंट से घटाकर 3.75 पर्सेंट कर दिया है। एक एक महीने में दूसरी बार कटौती है। 27 मार्च को रिजर्व बैंक ने रिवर्स रेपो रेट में 90 बेसिस पॉइंट की कटौती की थी। तब रेपो रेट में भी 75 बेसिस पॉइंट की कमी की गई थी। रेपो रेट को 4.4 पर्सेंट पर यथावत रखा गया है।
रिजर्व बैंक ने सिस्टम में तरलता बढ़ाने के लिए उपायों की घोषणा करते हुए एमएफआई और नॉन-बैंकिंग सेक्टर के लिए 50 हजार करोड़ रुपये की सहायता की घोषणा की है। नाबार्ड, सिटबी और हाउसिंग बैंक को भी 50 हजार करोड़ रुपये की मदद दी जाएगी। 25 हजार करोड़ नाबार्ड को दिए जाएंगे। 15 हजार करोड़ रुपये सिडबी को दिए जाएंगे। 10 हजार करोड़ रुपये नेशनल हाउसिंग बैंक को दिए जाएंगे।
शक्तिकांत दास ने कहा कि कोविड-19 महामारी के चलते पैदा हुई परिस्थितियों पर आरबीआई नजर रखे हुए है। महामारी के प्रकोप के दौरान सामान्य कामकाज सुनिश्चित करने के लिए बैंकों, वित्तीय संस्थानों ने विशेष तैयारी की है।
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि भारत के लिए आईएमएफ का जीडीपी वृद्धि अनुमान 1.9 प्रतिशत है, जो जी20 देशों में सबसे अधिक है। गवर्नर ने आईएमएफ के अनुमानों का हवाला देते हुए कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में 2021-22 में तेजी से सुधार की उम्मीद है। कोरोना संकट के बाद भारत की जीडीपी 7 पर्सेंट से अधिक रहने की संभावना है। उन्होंने कहा कि पिछले सीजन के मुकाबले खरीफ फलस में 30 फीसदी की तेजी आई है। मौसम विभाग ने कहा है कि 2020 में मॉनसून सामान्य रहेगा। रूरल डिमांड के लिए अच्छे संकेत हैं।
आईआईपी के मुताबिक औद्योगिक उत्पादन 7 महीने के उछाल पर है, लेकिन यह लॉकडाउन के पहले का है। बिजली मांग में कमी आई है। ऑटो मोबाइल प्रोडक्शन में तेजी से कमी आई है। सप्लाई में बाधाए हैं, निर्यात में कमी आई है। फॉरेन एक्सचेंज का स्तर 476.05 अरब डॉलर है। बैंकिंग सेक्टर अच्छी तरह काम कर रहा है। 91 पर्सेंट एटीएम काम कर रहे हैं। आरबीआई की ओर से 1 लाख 30 हजार करोड़ रुपये की करेंसी भेजी गई है।
दिनभर के कामकाज के बाद बैंकों के पास जो रकम रकम बच जाती है उसे भारतीय रिजर्व बैंक में रख देते हैं। इस रकम पर रिजर्व बैंक उन्हें ब्याज देता है। भारतीय रिजर्व बैंक इस रकम पर जिस दर से बैंकों को ब्याज देता है, उसे रिवर्स रेपो रेट कहा जाता है।