अब बिना देरी के फ्यूचर ग्रुप के साथ पूरा होगा ट्रांजैक्शन रिलायंस

अब बिना देरी के फ्यूचर ग्रुप के साथ पूरा होगा ट्रांजैक्शन रिलायंस
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नई दिल्ली। रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और भारत के सबसे अमीर उद्योगपति मुकेश अंबानी की रिलायंस रिटेल ने कहा है कि वह फ्यूचर ग्रुप के साथ अपने सौदे को बिना कोई देरी किए पूरा करेगी। कंपनी का बयान तब आया है, जब सिंगापुर की एक कोर्ट ने अमेजन की अपील पर रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप के बीच हुई डील पर अंतरिम रोक लगा दी है। रिलायंस ने फ्यूचर ग्रुप के रीटेल और होलसेल बिजनेस को खरीदने के लिए 24,713 करोड़ रुपये में सौदा किया है। इस फैसले के बाद रिलायंस ग्रुप ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी किया है।

इस विज्ञप्ति में कहा गया है कि रिलायंस रीटेल वेंचर्स लिमिटेड को सिंगापुर कोर्ट के इस फैसले के बारे में पता चला है। रिलायंस रीटेल ने फ्यूचर रीटेल के बिजनेस और एसेट्स का अधिग्रहण किया है। यह ट्रांजैक्शन उसी के लिए किया गया है। इस डील पर आगे बढ़ने से पहले कानूनी सलाह ली गई है और भारतीय कानून को ध्यान में रखते हुए इस डील को पूरा किया गया है। साथ ही हम अपने अधिकारों को ध्यान में रखते हुए बिना देरी किए हुए फ्यूचर ग्रुप के साथ जल्द से जल्द ट्रांजैक्शन पूरा करना चाहते हैं।

बता दें अमेजन पिछले साल फ्यूचर समूह की एक असूचीबद्ध कंपनी की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने पर सहमत हुई थी। इसके साथ ही यह शर्त भी थी कि अमेजन को तीन से 10 साल की अवधि के बाद फ्यूचर रिटेल लिमिटेड की हिस्सेदारी खरीदने का अधिकार होगा। इस बीच कर्ज में दबे किशोर बियानी के समूह ने अपने खुदरा स्टोर, थोक और लाजिस्टिक्स कारोबार को हाल में रिलायंस इंडस्ट्रीज को बेचने का करार कर लिया। इसके विरुद्ध अमेजन ने मध्यस्थता अदालत का दरवाजा खटखटाया है।

अमेजन का मानना है कि फ्यूचर ग्रुप ने रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ समझौता कर उसके साथ करार का उल्लंघन किया है। यदि यह सौदा पूरा होता है तो रिलायंस को भारत के खुदरा क्षेत्र में अपनी उपस्थिति को करीब दोगुना करने में मदद मिलती। इस बीच, आरआईएल रिटेल के हिस्से रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड (आरआरवीएल) ने कहा कि उन्हें आपातकालीन मध्यस्थ के अंतरिम आदेश की सूचना दी गई है।उन्होंने कहा, '' आरआरवीएल ने उपयुक्त कानूनी सलाह के बाद ही फ्यूचर रिटेल लिमिटेड के कारोबार और संपत्ति के अधिग्रहण की प्रक्रिया की शुरुआत की है जोकि पूरी तरह भारतीय कानून के तहत है। ''

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