सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश का बेहतरीन मौका, कीमत 6,199 रुपये प्रति ग्राम

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश का बेहतरीन मौका, कीमत 6,199 रुपये प्रति ग्राम
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सरकार एक बार फिर सोना में निवेश करने का बेहतरीन मौका दे रही है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (एसजीबी) की तीसरी किस्त निवेश के लिए (आज) सोमवार से खुल गई।

नई दिल्ली । सरकार एक बार फिर सोना में निवेश करने का बेहतरीन मौका दे रही है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (एसजीबी) की तीसरी किस्त निवेश के लिए (आज) सोमवार से खुल गई। इसमें 22 दिसंबर तक निवेश का मौका है। बॉन्ड 28 दिसंबर को जारी किए जाएंगे। इस बार रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने एसजीबी के लिए इश्यू प्राइस 6,199 रुपये प्रति ग्राम तय किया है।

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड एक सरकारी बॉन्ड होता है। ये बॉन्ड एक ग्राम सोने का होता है। इस बॉन्ड की कीमत एक ग्राम सोने के बराबर होगी। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में आप 24 कैरेट यानी 99.9 फीसदी शुद्ध सोने में निवेश करते हैं। इसे आरबीआई की तरफ से जारी किया जाता है। एसजीबी में निवेश करने पर 2.50 फीसदी का सालाना ब्याज मिलता है। पैसों की जरूरत पड़ने पर बॉन्ड के बदले लोन भी लिया जा सकता है।

इस बॉन्ड के लिए ऑनलाइन आवेदन करने और डिजिटल माध्यम से भुगतान करने वाले निवेशकों को अंकित मूल्य से 50 रुपये प्रति ग्राम की छूट मिलेगी। एसजीबी की मैच्योरिटी पीरियड आठ साल रहती है। मैच्योरिटी पूरा होने के बाद इससे होने वाले लाभ पर कोई टैक्स नहीं लगता। अगर आप पांच साल बाद अपना पैसा निकालते हैं, तो इससे होने वाले लाभ पर 20.80 फीसदी टैक्स लगता है।

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को आप अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (स्मॉल फाइनेंस बैंकों, पेमेंट बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर), स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसएचसीआईएल), नामित डाकघरों और स्टॉक एक्सचेंजों-नेशनल स्टॉक एक्सचेंज इंडिया लिमिटेड (एनएसई) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज लिमिटेड (बीएसई) के माध्यम से खरीद सकते हैं।

इस बॉन्ड में निवेश करने की अधिकतम सीमा व्यक्तियों के लिए चार किलोग्राम, एचयूएफ (हिंदू अविभाजित परिवार) के लिए चार किलोग्राम और न्यासों तथा समान संस्थाओं के लिए 20 किलोग्राम निर्धारित है। इसके बाद एसजीबी की चौथी सीरीज 12-16 फरवरी में जारी की जाएगी। उल्लेखनीय है कि भारत सरकार ने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को नवंबर 2015 में लॉन्च किया था। एसजीबी का उद्देश्य भौतिक सोने की मांग को कम करना और बचत को बढ़ावा देना है।

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