सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की छठी सीरीज की सोमवार से शुरू होगी बिक्री
नईदिल्ली। मौजूदा वित्त वर्ष 2021-22 के लिए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की छठी और आखिरी सीरीज की बिक्री अगले सोमवार यानी 30 अगस्त से शुरू हो जाएगी। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की छठी सीरीजपांच दिन तक खुली रहेगी। इसके तहत निवेशक अगले शुक्रवार यानी 3 सितंबर तक गोल्ड बॉन्ड में निवेश कर सकेंगे। आम निवेशक 1 ग्राम से लेकर 4 किलोग्राम तक के वैल्यू वाले गोल्ड बॉन्ड में निवेश कर सकते हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक ने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की छठी सीरीज के तहत सोने की कीमत प्रति ग्राम 4,732 रुपये तय की है। रिजर्व बैंक की ओर से ये भी स्पष्ट किया गया है कि जो लोग ऑनलाइन आवेदन करके डिजिटल पेमेंट के जरिए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड खरीदेंगे, उन्हें पहले की पांच सीरीज की तरह ही इस बार भी प्रति ग्राम 50 रुपये का डिस्काउंट दिया जाएगा। इस तरह ऑनलाइन खरीदारी करके निवेशक 4,682 रुपये प्रति ग्राम की दर से गोल्ड बॉन्ड में निवेश कर सकते हैं।
6 सीरीज में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड -
केंद्र सरकार ने इस साल कुल 6 सीरीज में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की बिक्री करने का ऐलान किया था। इसकी पहली सीरीज 17 मई को जारी हुई थी और 21 मई तक बिक्री के लिए खुली रही। इसी तरह दूसरी सीरीज 24 मई को जारी होकर 28 मई को बंद हुई। तीसरी सीरीज 31 मई को शुरू होकर 4 जून तक बिक्री के लिए खुली रही। वहीं चौथी सीरीज 12 जुलाई को आम निवेशकों के लिए खुली और 16 जुलाई तक उसकी बिक्री हुई। इसी तरह सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की पांचवी सीरीज 9 अगस्त को बिक्री के लिए खुली और निवेशकों ने इस सीरीज में 13 अगस्त तक निवेश किया। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की इस वित्त वर्ष की आखिरी सीरीज अगले सोमवार यानी 30 अगस्त को जारी की जाएगी, जिसमें 3 सितंबर तक निवेश किया जा सकेगा।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के इश्यू प्राइस -
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड एक सरकारी बॉन्ड है, इसका मूल्य सोने के वजन के रूप में तय किया जाता है। मतलब बॉन्ड की कीमत सोने की प्रति ग्राम कीमत के हिसाब से तय की जाएगी। बॉन्ड जितने ग्राम सोने की वैल्यू का होगा, उसकी खरीद या बिक्री की दर भी उतने ग्राम सोने के बराबर ही होगी। इन बॉन्ड्स को भारतीय रिजर्व बैंक केंद्र सरकार की ओर से जारी करता है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के इश्यू प्राइस (शुरुआती खरीदी मूल्य) पर ढाई फीसदी का फिक्स्ड ब्याज मिलता है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की परिपक्वता अवधि 8 साल की है। नियमों के अनुसार मेच्योरिटी पीरियड के बाद इस बॉन्ड से होने वाले लाभ पर कोई टैक्स नहीं लगता है। साथ ही हर 6 महीने में मिलने वाले ब्याज पर भी किसी भी तरह की टैक्सी कटौती नहीं होती है।
अधिकतम सीमा 20 किलोग्राम -
भारतीय रिजर्व बैंक की ओर बनाए गए नियमों के अनुसार कोई भी निवेशक 1 वित्त वर्ष में 1 ग्राम से लेकर 4 किलो वजन तक की वैल्यू वाले सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड खरीद सकता है। इसी तरह किसी ट्रस्ट के लिए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की खरीद की अधिकतम सीमा 20 किलोग्राम है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश करने वाले निवेशक 5 साल की अवधि पूरा होने के बाद मेच्योरिटी पीरियड के पहले भी अपना पैसा निकाल सकते हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की छठी सीरीज की कीमत भी पहले की पांच सीरीज की तरह ही 24 कैरेट सोने की शुद्धता (999) के आधार पर जारी की गई है। आपको बता दें कि सरकार ने इस स्कीम की शुरुआत 2015 में की थी। आंकड़ों के मुताबिक पिछले वित्तीय वर्ष में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के जरिये करीब 65 टन सोना बेचा गया था। गवर्नमेंट सिक्योरिटीज के रूप में शुरू किए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स को फिजिकल गोल्ड के विकल्प के तौर पर शुरू किया गया था।