ऑटोमोबाइल और ड्रोन उद्योग में PLI स्किम को मिली मंजूरी, रोजगार में होगी बढ़ोत्तरी
नईदिल्ली। केन्द्र सरकार ने बुधवार को ऑटोमोबाइल उद्योग और ड्रोन उद्योग के लिए 26,058 करोड़ रूपये के बजटीय परिव्यय के साथ उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना (PLI) की घोषणा की है। सरकार का कहना है कि इससे इन क्षेत्रों में अत्याधुनिक तकनीक, बेहतर क्षमता और पर्यावरण अनुकुल उत्पादन तथा वैश्विक सप्लाई चेन में भारत का योगदान बढ़ेगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक बुधवार को उक्त आशय के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई। ऑटो सेक्टर के लिए पीएलआई योजना उच्च मूल्य के उन्नत ऑटोमोटिव प्रौद्योगिकी वाहनों और उत्पादों को प्रोत्साहित करेगी। मंत्रिमंडल के फैसलो की जानकारी देते हुए केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि योजना का मकसद देश में अत्याधुनिक ऑटोमोटिव तकनीक से जुड़ी वैश्विक सप्लाई चैन तैयार करना है। अगले पांच वर्षों में इसके जरिए 42,500 करोड़ का निवेश प्राप्त होगा। साथ ही उत्पादन में 2.3 लाख करोड़ के समकक्ष इंक्रीमेंटल वृद्धि होगी।
उत्पादन क्षमता बढ़ेगी -
उन्होंने बताया कि ड्रोन क्षेत्र में इससे करीब तीन वर्षों में 5 हजार करोड़ का निवेश आएगा और तीन वर्षों में उत्पान क्षमता में 1500 करोड़ की इंक्रीमेंटल वृद्धि होगी। मंत्री ने बताया कि पीएलआई योजना से देश की उत्पादन क्षमता बढ़ेगी, पर्यावरण अनुकूल बिजली और हाईड्रोजन से चलने वाले वाहनों के क्षेत्र में देश आगे बढ़ेगा। साथ ही 7.6 लाख करोड़ के नए रोजगार सृजित होंगे।
1 करोड़ रोजगार -
सरकार के अनुसार ऑटोमोबाइल उद्योग और ड्रोन उद्योग के लिए पीएलआई योजना केंद्रीय बजट 2021-22 के दौरान 1.97 लाख करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ 13 क्षेत्रों के लिए पीएलआई योजनाओं की समग्र घोषणा का हिस्सा है। 13 क्षेत्रों के लिए पीएलआई योजनाओं की घोषणा के साथ, भारत में न्यूनतम अतिरिक्त उत्पादन 5 वर्षों में लगभग 37.5 लाख करोड़ और 5 वर्षों में न्यूनतम अपेक्षित अतिरिक्त रोजगार लगभग 1 करोड़ होने की उम्मीद है।