ईडी का बड़ा एक्शन: छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में 15 ठिकानों पर छापेमारी, भूपेश बघेल के बेटे पर शिकंजा

छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में 15 ठिकानों पर छापेमारी, भूपेश बघेल के बेटे पर शिकंजा
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ED Raids Bhupesh Baghel's son Chaitanya Baghel : रायपुर। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छत्तीसगढ़ के शराब घोटाले को लेकर एक बड़ा एक्शन लिया है। ईडी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में 15 ठिकानों पर छापेमारी की है, जिसमें खास तौर पर छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल के ठिकाने भी शामिल हैं। इस छापेमारी के बाद अब कयास लगाए जा रहे हैं कि चैतन्य बघेल पर ईडी का शिकंजा कस सकता है। यह शराब घोटाला 2017 से जुड़ा हुआ है, जिसमें आरोप है कि शराब के व्यापार को अवैध तरीके से संचालित किया गया था।

ईडी के सूत्रों के मुताबिक, इस कार्रवाई में कुल 15 स्थानों पर रेड की गई है। छत्तीसगढ़ के शराब घोटाले की जांच में चैतन्य बघेल का नाम भी सामने आया था, जिसके बाद यह छापेमारी की गई। इससे पहले भी, मई 2024 में ईडी ने कई बड़ी कार्रवाई की थी और शराब घोटाले से जुड़े आरोपियों की 18 चल संपत्तियां और 161 अचल संपत्तियां अस्थायी रूप से कुर्क की थीं। इन संपत्तियों की कुल कीमत 205.49 करोड़ रुपये थी।

ईडी की तरफ से की गई इस कार्रवाई में पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा और रायपुर के मेयर एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर समेत कई आरोपियों की संपत्तियों को कुर्क किया गया था। इन संपत्तियों में अनिल टुटेजा की 14 संपत्तियां शामिल थीं, जिनकी कीमत 15.82 करोड़ रुपये थी, वहीं अनवर ढेबर की 115 संपत्तियां थीं, जिनकी कीमत 116.16 करोड़ रुपये थी। इसके साथ ही, विकास अग्रवाल और अरविंद सिंह की भी कुछ संपत्तियां कुर्क की गई थीं।

ईडी का आरोप है कि 2017 में छत्तीसगढ़ राज्य में शराब की खरीद और बिक्री के लिए छत्तीसगढ़ राज्य विपणन निगम लिमिटेड (CSMCL) का गठन किया गया था। लेकिन, जैसे-जैसे सरकार बदलती गई, यह सिंडिकेट के हाथ का एक टूल बन गई। ईडी का कहना है कि CSMCL से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण परियोजनाएं और कॉन्ट्रैक्ट्स केवल सिंडिकेट से जुड़े लोगों को ही दिए जा रहे थे। आरोप है कि इस सिंडिकेट ने अवैध शराब की बिक्री से बड़े पैमाने पर कमीशन कमाया और यह रकम अनवर ढेबर को दी गई, जो फिर इसे राजनीतिक पार्टी तक पहुंचाता था।

छत्तीसगढ़ में यह शराब घोटाला राज्य की राजनीति और प्रशासनिक सिस्टम में बड़े सवाल उठाने वाला मामला बन चुका है। अब ईडी की जांच के साथ-साथ राजनीति में भी इस मुद्दे पर गर्मी बढ़ने की संभावना है।

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