जेईई मेन परीक्षा 2019 का परिणाम घोषित, दिल्ली के शुभम टॉपर
नई दिल्ली। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने जेईई मेन-2019 की ऑल इंडिया मेरिट सूची सोमवार वेबसाइट पर जारी कर दी है। शीर्ष रैंक पर कब्जा करते हुए कोटा के कोचिंग विद्यार्थियों ने एक बार फिर से अपनी दक्षता साबित कर दी।
एलन कॅरिअर इंस्टीट्यूट के निदेशक बृजेश माहेश्वरी ने बताया कि संस्थान से 7 क्लासरूम स्टूडेंट्स ने ऑल इंडिया मेरिट की टॉप-20 रैंक पर सफलता अर्जित की। एलन क्लासरूम छात्र केविन मार्टिन एआईआर-2, जयेश सिंगला एआईआर-4, निशांत अभांगी एआईआर-6, संबित बेहरा एआईआर-11, अंकित मिश्रा एआईआर-13, कार्तिकेय चन्द्रेश गुप्ता एआईआर-18 तथा समीक्षा दास एआईआर-20 पर सर्वश्रेष्ठ एनटीए परसेंटाइल के साथ चयनित हुये हैं। उन्होंने बताया कि देशभर से 100 एनटीए स्कोर प्राप्त करने वाले 24 स्टूडेंट्स में से एलन के 7 स्टूडेंट्स हैं। जेईई-मेन के चार स्टेट टॉपर भी एलन कॅरिअर इंस्टीटयूट से हैं। इनमें संस्थान के क्लासरूम छात्र निशांत अभांगी राजस्थान स्टेट टॉपर, अंकित मिश्रा महाराष्ट्र स्टेट टॉपर, जयेश सिंगला पंजाब स्टेट टॉपर तथा केविन मार्टिन कर्नाटक स्टेट टॉपर रहे। छात्र संबित बेहरा व छात्रा समीक्षा दास ने 3 वर्ष कोटा में रहकर पढाई की है।
टीचर्स का पूरा सपोर्ट मिला
केविन मार्टिन, बैंगलुरू, एआईआर-2 --
आईआईटी में जाने का सपना अब सच होता दिख रहा है। फिलहाल जेईई एडवांस्ड की तैयारी में जुटा हूं। क्लासरूम कोचिंग के अलावा मैंने रोजाना 6 से 7 घंटे सेल्फ स्टडी की। बड़ा भाई आईआईटी मद्रास से बीटेक कर स्विटजरलैण्ड से एमएस कर रहा है। उसने मुझे इंस्पायर किया। पढ़ाई के दौरान मैं मोबाइल से दूर रहा। रेगुलर एलन टेेस्ट देने से ही सब्जेक्ट में इम्प्रूव किया। पापा-मम्मी दोनों सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं।
जीत की केमिस्ट्री लिखना जानता हूं
जयेश सिंगला, पटियाला, एआईआर-4 --
जेईई-मेन में केमिस्ट्री पर फोकस किया। रेगुलर स्टडी ही 'की ऑफ सक्सेस' है। तीनों सब्जेक्ट को बैलेंस करते हुये तैयारी की। मूड फ्रेेश रखने के लिये फुटबॉल या टीटी खेलता हूं। मॉक टेस्ट देने से वीक पॉइंट का पता चला। आरएमओ, केमिस्ट्री, फिजिक्स, एस्ट्रोनॉमी व इन्फोर्मेटिक्स ओलिम्पियाड में चयनित होने से आत्मविश्वास बढा है। आईआईटी मुम्बई से सीएस में बीटेक करने का ख्वाब है। पापा-मम्मी डॉ. अजय कुमार सिंगला व डॉ. मोनिका गुप्ता दोनों डॉक्टर है।
रेगुलर स्टडी पर फोकस किया
निशांत अभांगी, गुजरात, एआईआर-6--
टारगेट आईआईटी का है, रेगुलर स्टडी करने से जेईई-मेन में अच्छा स्कोर किया। एलन के क्लासरुम में जो पढ़ाया उस पर फोकस करते हुए जेईई-मेन परीक्षा दी। मुझे राष्ट्रपति पुरस्कार मिल चुका है। आईजेएसओ में गोल्ड मेडल और केवीपीवाय (एसए स्ट्रीम) में एआईआर-1 रहा। एस्ट्रो फिजिक्स ओलम्पियाड में उसे कैम्ब्रिज व स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी से समर वर्कशॉप स्कॉलरशिप मिली है। पापा विनोद अभांगी बिजनेसमैन व मम्मी भावना गृहणी हैं।
स्टडी प्लान तैयार करके पढ़ाई की
सम्बित बेहेरा, भुवनेश्वर, एआईआर-11--
कोटा में तीन साल रहकर एलन में पढ़ाई की। जेईई मेन की तैयारी स्टडी प्लान बनाकर की। क्लास में जो भी डाउट्स आए, उन्हें उसी वक्त क्लीयर किया। डाउट्स को घर लेकर नहीं आया। रोज 30 मिनट वॉक जरूर करने से दिमाग फ्रेश रहता है। फुटबॉल खेलना पसंद है। आईआईटी मुम्बई से सीएस में बीटेक करना लक्ष्य है। पापा चन्द्रमणि बेहेरा बैंक सेवा में हैं और मां नर्मदा गृहिणी है।
पॉजिटिव माहौल से बना स्टेट टॉपर
अंकित कुमार मिश्रा, मुंबई, एआईआर-13--
एलन में आईआईटी एटंªेस टेस्ट पर गंभीरता से फोकस करते हैं। मुझे महाराष्ट्र स्टेट टॉपर होने का गौरव मिला। निदेशक बृजेश माहेश्वरी हर स्टूडेंट को सही मोटिवेशन देते हैं। क्लास टेस्ट में कम नंबर आने पर कभी टेंशन नहीं लेता था। बल्कि अगले टेस्ट के लिए दोगुने उत्साह से जुट गया। निरंतर टेस्ट देने से परफॉर्मेन्स में सुधार हुआ। अगला लक्ष्य करीब है, जेईई-एडवांस्ड में भी शीर्ष रैंक के लिये मेहनत कर रहा हूं।
शैड्यूल बनाकर रेगुलर स्टडी की--
कार्तिकेय चंद्रेश गुप्ता, चंद्रपुर, एआईआर-18
एलन में छात्रों के डाउट्स होने पर टीचर्स तुरंत मदद के लिए तैयार रहते हैं। एलन में आने से मुझे महाराष्ट्र में स्टेट रैंक-2 मिली है। शैड्यूल बनाकर रेगुलर स्टडी की। बैडमिंटन खेलने से नई एनर्जी मिलती है। आईआईटी मुम्बई से सीएस ब्रांच में बीटेक करने का लक्ष्य है। दो वर्ष केवीपीवाय क्वालिफाई किया है। पापा पेपर इंडस्ट्री में जीएम और मां पूनम गुप्ता गृहिणी है।
मां के साथ ने बढाया हौसला
समीक्षा दास, मुंबई, एआईआर-20--
मैंने पूरे साल रेगुलर स्टडी की। टीचर्स की गाइडलाइंस को फॉलो किया। रोज 7 से 8 घंटे सेल्फ स्टडी की। अब एडवांस्ड की तैयारी है। साइंटिफिक फेक्ट्स के बारे में जानना और पढना पसंद है। आईआईटी मुम्बई से सीएस में बीटेक करने के बाद रिसर्च में जाने की इच्छा रखती हूं। मां शाश्वती दास ने कोटा में साथ रहकर हौसला बढाया। पापा अनुरूप दास ओएनजीसी सूरत में इंजीनियर हैं।