विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने लिया बड़ा फैसला, असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए पीएचडी अनिवार्य नहीं

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने लिया बड़ा फैसला, असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए पीएचडी अनिवार्य नहीं
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विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के लिए बड़ा फैसला लिया है। अब असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए पीएचडी अनिवार्य नहीं होगी।

नईदिल्ली। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के लिए बड़ा फैसला लिया है। अब असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए पीएचडी अनिवार्य नहीं होगी। यूजीसी ने पीएचडी की अनिवार्यता खत्म कर दी है। आयोग ने नई गाइडलाइन जारी कर जानकारी दी है कि अब असिस्टेंट प्रोफेसर की सीधी भर्ती के लिए NET/SET/SLET पास होना होगा।

1 जुलाई से नियम लागू -

यह नियम 01 जुलाई से लागू किया गया है। अब असिस्टेंट प्रोफेसर के उम्मीदवारों के लिए पीएचडी डिग्री की योग्यता ऑप्शनल होगी। अब NET/SET/SLET पास होना ही हायर एजुकेशन में असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर सीधी भर्ती के लिए न्यूनतम योग्यता रखी गयी है।

यह द्वितीय संशोधन -

यूजीसी की द्वारा जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक,यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन ने मिनिमम क्वालिफिकेशन फॉर अपॉइंटमेंट ऑफ टीचर्स एंड अदर एकेडमिक स्टाफ रेगुलेशन 2018 में संशोधन किया है। संशोधन के बाद सभी उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर सीधी भर्ती के लिए NET/SET/SLET न्यूनतम मानदंड होगा, ये सुशोधन अब 'विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए न्यूनतम योग्यता और उच्च शिक्षा में मानकों के रखरखाव के लिए अन्य मानदंड) (द्वितीय संशोधन) रेगुलेशन, 2023 कहलाएगा। इसके अलावा देश के अलग-अलग राज्यों के विश्वविद्यालयों और डिग्री कॉलेजों में भर्ती के मामलें में उस राज्य की राज्य पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण किया होना अनिवार्य होगा।

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