12वीं के बाद सीए और सीएस बन पाएं लाखों का पैकेज, जानिए क्या है अंतर, कैसे करें तैयारी
वेबडेसक। कॉमर्स विषय से 12वीं की परीक्षा पास करने के बाद करियर की संभावना तलाश रहे छात्रों के लिए चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) और कंपनी सेक्रेटरी (CS) बेहतर करियर विकल्प है। इन दोनों ही कोर्सेस के बाद स्टूडेंट्स आकर्षक सेलरी पैकेज पा सकते है। यही कारण है की हर साल हजारों की संख्या में छात्र सीए, सीएस बनने के लिए परीक्षाओं को देते है। वर्तमान समय में भारत में इन दोनों करियर ऑप्शन के लिए काफी स्कोप है। यदि आप भी कॉमर्स छात्र है और सीए, सीएस को लेकर मन में कोई दुविधा है तो हम आपको बताएंगे की दोनों कोर्सेस में क्या अंतर है और कैसे तैयारी करें।
चार्टर्ड अकाउंटेंट का कोर्स जहां इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया द्वारा कराया जाता है, वहीं कंपनी सेक्रेटरी का कोर्स इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज ऑफ इंडिया द्वारा कराया जाता है। ये दोनों ही कोर्स डिस्टेंस लर्निंग है। इनके लिए साल में दो परीक्षा आयोजित की जाती है।
CA और CS में अन्तर -
दोनों ही कोर्सेस में कुछ बेसिक अंतर है लेकिन दोनों की जॉब प्रोफ़ाइल और काम में काफी अंतर है। चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए ) का काम किसी कंपनी, फर्म के अकाउंट्स को संभालना, जोखिमों, नुकसानों की जानकारी देना, उनसे बचाने एवं लाभ को बढ़ाने के लिए ऑडिट, कराधान, निवेश, वित्त आदि पर काम करना। वहीँ कंपनी सेक्रेटरी (सीएस) का काम प्रशासनिक स्तर का होता है। उसका मुख्य कार्य प्रशासन, वित्त, लेखा, कराधान आदि के मामलों पर संबंधित कंपनियों के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स को सलाह देना होता है। साथ ही वह कंपनियों के व्यवसाय और कानूनों से जुड़े मामले भी देखते हैं।
कोर्स की अवधि -
सीए और सीएस दोनों कोर्स तीन चरणों में होते है लेकिन इनकी अवधि अलग-अलग है। कंपनी सेक्रेटरी का कोर्स करने में लगभग 2-3 साल लगते हैं, वहीं चार्टर्ड अकाउंटेंट करने में लगभग 5 साल लगते हैं।
चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए )के लिए रजिस्टर प्रक्रिया -
चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) बनने के लिए सबसे पहले स्टूडेंट्स को इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI ) में रजिस्ट्रेशन कराना होगा। ये रजिस्ट्रेशन आप ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से करा सकते है। इसके बाद कॉमन प्रोफिशियेंसी टेस्ट (सीपीटी ) की परीक्षा पास करनी होती है। इस परीक्षा को सीए का एंट्रेंस एग्जाम ही कहा जाता है। सीपीटी की परीक्षा पास करने के बाद इंटीग्रेटेड प्रोफेशनल कॉम्पिटेंस कोर्स (आईपीसीसी ) परीक्षा को पास करें। फिर 3 वर्षों के लिए आर्टिकलशिप करें। इसके बाद सीए फाइनल की परीक्षा होती है।
कंपनी सेक्रेटरी (सीएस) के लिए रजिस्टर प्रक्रिया -
कंपनी सेक्रेटरी (सीएस ) बनने के लिए स्टूडेंट्स को सबसे पहले इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज ऑफ इंडिया (आईसीएसआई ) में रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसके बाद आपको आठ महीने का फाउंडेशन कोर्स करना होगा। इसके बाद आप एक वर्ष के लिए एग्जीक्यूटिव प्रोग्राम करना होगा। इसके बाद एक साल का का प्रोफेशनल प्रोग्राम होता है। बता दें की यदि आप ग्रेजुएशन के बाद सीएस शुरू करते है तो आपको फाउंडेशन कोर्स नहीं करना पड़ेगा। स्नातक छात्रों को सीधे एग्जीक्यूटिव प्रोग्राम में एडमिशन मिल जाता है।
कोर्स के चरण -
सीए के तीन चरण होते है कॉमन प्रोफिशियेंसी टेस्ट (सीपीटी), इंटीग्रेटेड प्रोफेशनल कॉम्पिटेंस कोर्स (आईपीसीसी ), फाइनल। वहीँ कंपनी सेक्रेटरी (सीएस ) के भी तीन चरण फाउंडेशन प्रोग्राम, एग्जीक्यूटिव प्रोग्राम और प्रोफेशनल।
कॉमन प्रोफिशियेंसी टेस्ट (सीपीटी) -
चार्टर्ड अकांउंटेंट बनने के लिए कॉमन प्रोफिशियेंसी टेस्ट (सीपीटी) पहला चरण है। किसी भी विषय के छात्र CPT परीक्षा दे सकते हैं। ये परीक्षा साल में दो बार जून और दिसंबर के महीने में आयोजित होती है। 12वीं के बाद सीए करने वाले छात्रों के लिए ये परीक्षा अनिवार्य होती है। इसके लिए आप आईसीएआई की वेबसाईट पर जाकर ऑनलाइन एवं चेप्टर कार्यालय व दिल्ली स्थित मुख्यालय से ऑफलाइन भी आवेदन कर सकते है।
इंटीग्रेटेड प्रोफेशनल कॉम्पिटेंस कोर्स (आईपीसीसी ) -
चार्टर्ड अकांउंटेंट बनने के लिए के इंटीग्रेटेड प्रोफेशनल कॉम्पिटेंस कोर्स इसका दूसरा और सबसे महत्वपूर्ण चरण है। इस चरण में चार-चार विषय के दो समूह होते है। जिसके लिए साल में दो बार मई और नवंबर में परीक्षा होती है। इन्हें पास करके ही इस कोर्स में आगे बढ़ा जा सकता है। ये चरण सीपीटी की तुलना में अधिक कठिन होता है। इसलिए अधिक मेहनत की आवश्यकता होती है।
चार्टर्ड अकांउंटेंट फाइनल्स
चार्टर्ड अकांउंटेंट का अंतिम चरण फाइनल होता है।जोकि तीनों चरणों में सबसे अधिक महत्वपूर्ण और कठिन होता है। ये परीक्षा साल में दो बार मई और नवंबर माह में आयोजित होती है। जो छात्र सीए फाउंडेशन और सीए इंटरमीडिएट की परीक्षा पास कर चुके है एवं कम से कम ढाई वर्ष की आर्टिकलशिप पूरी कर चुके है। वे छात्र फाइनल्स के लिए रजिस्ट्रेशन करा सकते है। इस चरण में दो-दो वषयों के चार ग्रुप होते है। आपको इसे पास करने के लिए सभी आठों विषयों को पास करना जरूरी है। यदि आप एक साथ सभी पेपर देते है तो आपको आठों पेपरों में कम से कम 40% और सभी पेपर में मिलकर 50% अंक लाना जरुरी है |
कंपनी सेक्रेटरी -
सीएस फाउंडेशन प्रोग्राम
कंपनी सेक्रेटरी( सीएस ) बनने के लिए फाउंडेशन कोर्स पहला क़दम है। सीएस में रजिस्ट्रेशन के बाद इसकी तैयारी के लिए आठ माह का समय मिलता है। ये परीक्षा इंस्टिट्यूट ऑफ़ कंपनी सेक्रेटरीज द्वारा साल में दो बार जून और दिसंबर में आयोजित की जाती है। इस चरण में चार पेपर होते है। सभी में पास होने के लिए आपको प्रत्येक विषय में न्यूनतम 40 फीसदी और सभी में मिलाकर कुल 50 फीसदी अंक लाना आवश्यक है। इस चरण में छात्रों को कराधान, श्रम कानून, कॉर्पोरेट कानून, लेखा और वित्तीय विश्लेषण जैसे विषय पढ़ाए जाते है।
सीएस एग्जीक्यूटिव प्रोग्राम -
कंपनी सेक्रेटरी बनने के लिए एग्जीक्यूटिव प्रोग्राम दूसरा सबसे महत्वपूर्ण होता है। इस चरण में कुल सात विषयों वाले दो मॉड्यूल होते है। छात्र इस चरण में दोनों मॉड्यूल एक साथ एवं अलग-अलग भी दे सकते है। इसके लिए साल में दो बार जून और दिसंबर में परीक्षा आयोजित होती है। इस चरण में कंपनी के कामकाज के कानूनी ढांचे से संबंधित विषय पढ़ाएं जाते है। स्नातक उत्तीर्ण छात्र इस परीक्षा को बिना फाउंडेशन प्रोग्राम किए सीधे दे सकते है।
सीएस प्रोफेशनल प्रोग्राम -
कंपनी सेक्रेटरी बनने के लिए प्रोफेशनल प्रोग्राम इस कोर्स का अंतिम चरण है। जो छात्र सीएस फाउंडेशन और सीएस एग्जीक्यूटिव प्रोग्राम को पास कर लेते है। वह इसके लिए रजिस्ट्रेशन करा सकते है। इस चरण में कुल 9 विषय होते है जो तीन-तीन विषयों के तीन ग्रुप में बंटे होते है। इस चरण में छात्र सभी ग्रुप की परीक्षा एक साथ एवं अलग -अलग भी दे सकते है।